लखनऊ में आयोजित 61वीं राष्ट्रीय जम्बूरी में 33 हजार से अधिक स्काउट्स और 1,500 विदेशी प्रतिनिधि शामिल हुए। यूपी पुलिस के सुरक्षा मंडप, मिशन शक्ति सत्र, सांस्कृतिक कार्यक्रम और युवा सशक्तिकरण गतिविधियों ने आयोजन को खास बनाया।
लखनऊ इन दिनों सिर्फ राजधानी नहीं, बल्कि विश्वभर की युवा ऊर्जा का धड़कता केंद्र बन गया है। जहां एक ओर कैंपों में उमंग और उत्साह की लहरें फूट रही हैं, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा, तकनीक और सांस्कृतिक समन्वय का अनोखा संगम भविष्य की मजबूत नींव गढ़ रहा है। 61वीं राष्ट्रीय जम्बूरी ने राजधानी को एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय मंच में बदल दिया है, जहां भारत ही नहीं, कई देशों के युवा एक भारत, एक विश्व की भावना का साक्षात अनुभव कर रहे हैं।
लखनऊ में 61वीं नेशनल जम्बूरी का वैश्विक प्रभाव
19वीं नेशनल जम्बूरी ने 61 साल बाद उत्तर प्रदेश को वैश्विक युवा मंथन का अवसर दिया है। डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में बसे यह विशाल शिविर प्रदेश की मेजबानी और व्यवस्थापन क्षमता का अनोखा उदाहरण बन चुका है।
भारत के 33,000 से अधिक स्काउट्स, गाइड्स, रोवर्स और रेंजर्स के साथ मालदीव, नेपाल, श्रीलंका और सऊदी अरब सहित कई देशों के 1,500 से अधिक युवा प्रतिनिधि इस आयोजन में शामिल हैं। पूरे परिसर में गतिविधि क्षेत्र, रसोईघर, सांस्कृतिक मंच और शिक्षण मंडप उत्साह और विविधता से भरे दिखते हैं। राज्यपाल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आयोजित यह कार्यक्रम प्रदेश की प्रशासनिक दक्षता और भविष्य की दृष्टि का प्रतीक भी बन गया है।
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मिशन शक्ति और सुरक्षा जागरूकता का विशेष आकर्षण
इस जम्बूरी का महत्वपूर्ण आकर्षण उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा लगाया गया सुरक्षा और तकनीक प्रदर्शनी मंडप है। यहां युवा स्काउट्स को:
- अपराध रोकथाम तकनीक
- कमांडो और एंटी-टेरर स्क्वॉड की क्षमताओं
- अग्निशमन तकनीक
- साइबर सुरक्षा
- आत्मरक्षा प्रशिक्षण का व्यावहारिक अनुभव कराया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा महिलाओं की सुरक्षा और युवा सशक्तिकरण पर दी जा रही प्राथमिकता की झलक मिशन शक्ति के अंतर्गत चलाए जा रहे इन सत्रों में स्पष्ट दिखाई देती है। महिला हेल्पडेस्क की भूमिका और कानूनी प्रक्रियाओं की जानकारी जैसे विषयों ने युवा प्रतिभागियों को विशेष रूप से प्रभावित किया।
सांस्कृतिक आदान–प्रदान से सजा बहुरंगी आयोजन
जम्बूरी परिसर में कदम रखते ही भारत की “अतिथि देवो भव:” की परंपरा जीवंत हो उठती है। चारों ओर लोक गीतों की धुनें, पारंपरिक व्यंजनों की सुगंध, अलग-अलग राज्यों के रंग-बिरंगे परिधान और उत्साह से भरे युवा इस आयोजन को एक सांस्कृतिक संगम में बदल देते हैं। उद्घाटन समारोह में हुआ ड्रोन शो, भव्य परेड और उत्तर प्रदेश की धरोहर को दर्शाती प्रस्तुतियाँ सभी के आकर्षण का केंद्र रहीं। यह आयोजन आधुनिकता और परंपरा के संतुलन का सशक्त उदाहरण बनकर सामने आया है।
युवा नेतृत्व और भविष्य की संभावनाओं का मंच
जम्बूरी न केवल मनोरंजन और सांस्कृतिक आदान–प्रदान का मंच है, बल्कि युवाओं में नेतृत्व और सेवा की भावना जगाने का अवसर भी प्रदान करता है। इस दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस, अभियोजन विभाग, सुरक्षा विभाग और स्पेशल टास्क फोर्स में भर्ती तथा करियर अवसरों के बारे में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिए गए, जिसने युवाओं में नई प्रेरणा का संचार किया।
सीमाओं से परे एक साझा मानवीय अनुभव
विभिन्न देशों और राज्यों से आए युवा आपस में परंपराओं, जीवनशैली और विचारों का आदान–प्रदान कर सीमाओं से परे एक साझा मानवीय अनुभव का निर्माण कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश द्वारा दिखाई गई मेहमाननवाजी ने इस वैश्विक आयोजन को विशेष गरिमा प्रदान की है और भारत की सांस्कृतिक आत्मा को विश्व के सामने उजागर किया है।
लखनऊ में आयोजित यह राष्ट्रीय जम्बूरी इस बात का प्रेरक उदाहरण है कि जब विविध संस्कृतियों, तकनीक, सशक्तिकरण और युवा ऊर्जा का संगम होता है, तो समाज एक नई दिशा में अग्रसर होता है। यह आयोजन परंपरा का सम्मान करते हुए सुरक्षा, समानता और प्रगतिशीलता की ओर बढ़ने का संदेश देता है।
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