सार
विधानसभा सत्र शुरू होने के पहले समाजवादी पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष, मुख्य सचेतक सहित कई पदों पर नियुक्तियां कर दी हैं। अखिलेश यादव के सांसद बनने के बाद यूपी में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली था।
UP Leader of Opposition: उत्तर प्रदेश में काफी दिनों से खाली चल रहे नेता प्रतिपक्ष के पद को लेकर सस्पेंस समाप्त हो गया है। मुख्य विपक्षी दल ने नेता प्रतिपक्ष के रूप में माता प्रसाद पांडेय को नामित किया है। पांडेय, दो बार यूपी विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं। पूर्व सीएम अखिलेश यादव के सांसद बनने के बाद नेता प्रतिपक्ष का पद खाली था। पीडीए की आवाज बुलंद कर रही समाजवादी पार्टी ने ब्राह्मण चेहरा को पद देकर अगड़ी जातियों को रिझाने की कोशिश की है।
सचेतकों का भी किया ऐलान
सपा ने महबूब अली को अधिष्ठाता मंडल के लिए नामित किया गया है। विधानसभा में समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक कमाल अख्तर होंगे तो उप सचेतक राकेश कुमार उर्फ डॉ.आरके वर्मा को बनाया गया है।
कौन हैं माता प्रसाद पांडेय?
माता प्रसाद पांडेय, यूपी के इटवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। बस्ती मंडल के सिद्धार्थनगर जिला में इटवा विधानसभा क्षेत्र है। माता प्रसाद पांडेय, पुराने समाजवादी नेताओं में शुमार हैं। समाजवादी सरकार में दो बार विधानसभा अध्यक्ष रह चुके माता प्रसाद पांडेय, मुलायम सिंह यादव परिवार के करीबियों में गिने जाते हैं।
अखिलेश यादव थे नेता प्रतिपक्ष
दरअसल, 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव मैनपुरी के करहल विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ही थे। लेकिन 2024 में लोकसभा चुनाव में वह कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और जीत गए। कन्नौज से सांसद बनने के बाद अखिलेश यादव ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफा के बाद नेता प्रतिपक्ष का पद भी खाली था। हालांकि, अखिलेश यादव के इस्तीफा के बाद यह कयास लगाया जा रहा था कि वह अपने चाचा शिवपाल यादव को यह पद सौंपेंगे। इसके अलावा कई ओबीसी और दलित नेता भी नेता प्रतिपक्ष बनने की रेस में थे। लेकिन यूपी की सियासत में पूर्वांचल की जातीय राजनीति को समझने वाले मानते हैं कि पूर्वांचल में ब्राह्मण-ठाकुर वर्चस्व की लड़ाई में एक पक्ष को साधने के लिए सपा ने माता प्रसाद पांडेय को आगे किया है।
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