Lucknow Rally 2025: मायावती ने नौ साल बाद लखनऊ में शक्ति प्रदर्शन किया और भतीजे आकाश आनंद को BSP का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया। क्या यह 2027 में पांचवीं बार सत्ता में लौटने का संकेत है? जनता और विरोधियों की रणनीति क्या करेगी?
Lucknow Mayawati Rally 2025: बसपा सुप्रीमो मायावती ने 9 साल बाद लखनऊ में जोरदार शक्ति प्रदर्शन किया। रैली में लाखों समर्थक शामिल हुए और मायावती ने मंच से स्पष्ट संदेश दिया कि 2027 में बसपा की सरकार बनने की राह मजबूत हो रही है। इस रैली में मायावती ने न सिर्फ सपा और कांग्रेस पर निशाना साधा, बल्कि सीएम योगी की भी तारीफ की। साथ ही, उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाने का ऐलान किया। यह कदम बसपा की नई रणनीति और आगामी चुनावों के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
क्या है मायावती के भतीजे को उपाध्यक्ष बनाने का मतलब?
मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त कर दिया। उन्होंने कहा कि आकाश आनंद पार्टी के हर गतिविधि में सक्रिय रहेंगे और उनके दिशानिर्देश में काम करेंगे। आकाश ने रैली में कहा कि भीड़ देखकर ऐसा लग रहा है कि बसपा 2027 में अकेले दम पर सरकार बनाने जा रही है। लाखों की संख्या में समर्थक अंबेडकर मैदान में जुटे और सभी ने “मायावती ज़िंदाबाद” के नारे लगाए।
क्या बसपा की इस रैली ने विरोधियों के लिए अलर्ट सिग्नल भेजा?
रैली के दौरान मायावती ने बिना नाम लिए नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बसपा के वोट को काटने के लिए स्वार्थी और बिकाऊ पार्टियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। मायावती ने चेतावनी दी कि ऐसे दलों को अपना वोट नहीं देना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि आजम खान के बसपा जॉइन करने की चर्चाओं पर पहली बार जवाब दिया गया और कहा कि किसी से छिपकर नहीं मिलती, मिलना हो तो खुले में ही होता है।
क्या सच में बसपा की ताकत बढ़ी है या यह केवल राजनीतिक ट्रेलर है?
रैली में देश के पांच राज्यों के लाखों लोग शामिल हुए। महिलाओं और बच्चों की भीड़ ने इसे और अधिक रोचक और प्रभावशाली बना दिया। बागपत से आए सौरभ वर्मा ने कहा कि यह कोई चुनावी रैली नहीं, बल्कि कांशीराम को श्रद्धांजलि देने का अवसर है। उन्होंने बताया कि बीजेपी ने ट्रेन और बसें रोक दी थीं, लेकिन कार्यकर्ता पैदल ही रैली में पहुंचे। इस प्रकार, जनता का स्वेच्छा से आना बसपा के वास्तविक जनाधार को दर्शाता है।
क्या मायावती ने सपा और भाजपा के दोहरे चरित्र को उजागर किया?
मायावती ने मंच से स्पष्ट किया कि जैसे ही सत्ता किसी पार्टी के हाथ से जाती है, वे खुद को सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा ठेकेदार दिखाने लगते हैं। उन्होंने सपा को दोगला बताया और कहा कि जनता अब इनके स्वार्थी और दोहरे रवैये को समझ चुकी है। उन्होंने भाजपा सरकार की तारीफ भी की कि टिकटों के पैसे को सपा की तरह दबाकर नहीं रखा गया।
क्या बसपा का वोट सुरक्षित है या इसे खतरा है?
मायावती ने कहा कि विपक्षी दल अब बसपा के वोट को काटने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिहार और अन्य राज्यों में बिकाऊ पार्टियों के जरिए वोट ट्रांसफर किया जा रहा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि किसी भी स्थिति में अपने वोट को कमजोर पार्टियों के हाथ न जाने दें।
मायावती ने योगी सरकार की तारीफ क्यों की?
रैली में मायावती ने कहा कि यूपी में वर्तमान सरकार ने टिकटों और पार्कों के रख-रखाव में पारदर्शिता दिखाई। उन्होंने बताया कि अंबेडकर पार्क में रैली के टिकटों के पैसे को सपा की तरह दबाया नहीं गया। साथ ही कहा कि सपा सरकार ने पार्क के रखरखाव पर एक पैसा भी खर्च नहीं किया था। मायावती ने इस बात का जिक्र कर विपक्षी दलों की तुलना में योगी सरकार की ईमानदारी और पारदर्शिता को सराहा।
क्या सपा और कांग्रेस अब जनता के भरोसे से बाहर हो गए हैं?
मायावती ने मंच से साफ शब्दों में कहा कि सपा और कांग्रेस की सरकारें हमेशा जातिवाद और स्वार्थ के कारण जनता के साथ धोखा करती रही हैं। सपा को उन्होंने दोगला बताया और कहा कि सत्ता से बाहर होते ही ये खुद को सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा ठेकेदार बताने लगते हैं। कांग्रेस के बारे में कहा कि उन्होंने कांशीराम और बाबासाहेब को कभी सम्मान नहीं दिया और उनके बनाए संविधान के मूल्यों को दरकिनार किया।
क्या आजम खान बसपा में शामिल होंगे? मायावती का पहला जवाब
आजम खान के बसपा जॉइन करने की अफवाहों पर मायावती ने पहली बार बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह किसी से छिपकर नहीं मिलती। जब भी मिलती हैं, खुले में मिलती हैं। मायावती ने बताया कि पिछले महीने से अफवाहें फैल रही थीं कि दूसरी पार्टी के नेता बसपा में शामिल हो रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक ऐसा कुछ पता नहीं। 2007 में भी ऐसी अफवाहें फैलाई गई थीं, लेकिन जनता गुमराह नहीं हुई और बसपा ने जीत हासिल की।
चंद्रशेखर पर क्यों साधा निशाना?
मायावती ने बिना नाम लिए नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बसपा के वोट को कमजोर करने के लिए स्वार्थी और बिकाऊ लोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे लोग पार्टी के वोट को बांटने के लिए कई संगठन बना रहे हैं। मायावती ने स्पष्ट कहा कि जनता को इन बिकाऊ पार्टियों को अपना वोट नहीं देना चाहिए।
क्या बसपा की नई रणनीति आगामी चुनावों में काम आएगी?
रैली में मायावती ने कहा कि बसपा ने जाति, धर्म और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम किया है। उनकी सरकार ने कानून-व्यवस्था को मजबूत किया और हर समुदाय के लोगों को आत्मनिर्भर बनाया। 2007 में अकेले दम पर सत्ता पाने के अनुभव को देखते हुए, यह रणनीति आगामी 2027 चुनावों में निर्णायक साबित हो सकती है।
क्या 2027 में मायावती की पांचवीं बार सरकार बनाना संभव है?
मायावती ने स्पष्ट किया कि सत्ता की चाबी अब जनता के हाथ में है। उन्होंने कहा कि सिर्फ़ दलितों ही नहीं, मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक वर्गों के विकास के लिए भी बसपा सक्रिय है। गोरखपुर और बलिया से आए समर्थकों ने रैली में स्पष्ट संकल्प लिया कि 2027 में मायावती को मुख्यमंत्री बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
