मुरादाबाद से दिल्ली और मेरठ के बीच अब चलेगी वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बस सेवा। हर घंटे मिलेगी एसी ई-बस की सुविधा। सात बसें पहुंची, 13 और जल्द आएंगी। आरामदायक सीटें, सीसीटीवी कैमरे और चार्जिंग स्टेशन के साथ आधुनिक सफर की शुरुआत।

उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को और बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। मुरादाबाद से दिल्ली और मेरठ रूट पर अब वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसें (AC E-Bus) दौड़ेंगी। यात्रियों को हर घंटे एक ई-बस की सुविधा मिलेगी, जिससे सफर न केवल आरामदायक बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी होगा।

मुरादाबाद डिपो में पहुंचीं 7 ई-बसें, 13 और जल्द आएंगी

फिलहाल मुरादाबाद डिपो में सात नई एसी इलेक्ट्रिक बसें पहुंच चुकी हैं। परिवहन निगम के अनुसार, कुल 20 बसों को इस रूट पर संचालित करने की योजना है। शेष 13 बसें अगले कुछ दिनों में डिपो पहुंच जाएंगी। संचालन की लगभग सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। डिपो के सीनियर फोरमैन गजेंद्र सिंह के मुताबिक, “अगले दो दिनों में बसों का पंजीकरण पूरा हो जाएगा, जिसके बाद परिचालन शुरू कर दिया जाएगा।”

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हर बस में अत्याधुनिक सुविधाएं

प्रत्येक बस में 40 आरामदायक सीटें, चार सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा सेंसर लगाए गए हैं। बसों का शॉकर सिस्टम इस तरह बनाया गया है कि सड़कों के झटके कम महसूस होंगे। ये बसें अधिकतम 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी और यात्रियों को तीन घंटे से भी कम समय में दिल्ली पहुंचा देंगी।

जोया, गढ़, हापुड़ बाईपास और गाजियाबाद होंगे स्टॉपेज

मुरादाबाद से दिल्ली जाने वाली ई-बसें रास्ते में जोया, गढ़, हापुड़ बाईपास और गाजियाबाद में ठहरेंगी। हालांकि, किराए की दरों का निर्धारण अभी बाकी है। उम्मीद है कि किराया आम यात्रियों की पहुंच में रहेगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इस नई सुविधा का लाभ उठा सकें।

पीतलनगरी डिपो में तैयार हो रहा चार्जिंग स्टेशन

ई-बसों को चार्ज करने के लिए मुरादाबाद के पीतलनगरी डिपो में एक चार्जिंग स्टेशन तैयार कर लिया गया है, जबकि दो और स्टेशन बन रहे हैं। कुल आठ चार्जिंग प्वाइंट स्थापित किए जाने हैं। एक बार पूर्ण चार्ज होने पर बसें लगभग 350 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकेंगी। एआरएम फाइनेंस बी.एल. मिश्रा ने बताया, “बसें तैयार हैं, लेकिन चार्जिंग स्टेशन पूरी तरह ऑपरेशनल नहीं हैं। चार दिनों में स्विच मोबिलिटी कंपनी की टीम शेष तकनीकी कार्य पूरा कर देगी।”

चालक और परिचालक को दिया जाएगा प्रशिक्षण

एसी ई-बसों के संचालन से पहले सभी चालकों और परिचालकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि तकनीकी संचालन में किसी तरह की समस्या न आए। विभाग की योजना है कि संचालन से पहले आसपास के जनपदों में चार्जिंग सुविधाओं की उपलब्धता की भी जांच की जाएगी, ताकि यात्रियों को निर्बाध सेवा मिल सके।

पर्यावरण के साथ आरामदायक यात्रा की दिशा में बड़ा कदम

ई-बसों के परिचालन से जहां यात्रियों को आरामदायक और आधुनिक परिवहन सुविधा मिलेगी, वहीं पर्यावरण प्रदूषण में भी कमी आएगी। यह योजना प्रदेश सरकार के ग्रीन यूपी – क्लीन यूपी मिशन को गति देगी।

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