नोएडा में 85 वर्षीय बुजुर्ग दंपत्ति साइबर ठगी का शिकार हुए। ठगों ने IGL गैस बिल के नाम पर APK ऐप डाउनलोड करवाकर RBL बैंक खाते से 9.57 लाख रुपये उड़ा लिए। बुजुर्ग ने 1930 पर शिकायत दी, पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों के बीच नोएडा में साइबर ठगों ने एक 85 वर्षीय बुजुर्ग दंपत्ति को निशाना बनाकर उनके बैंक खाते से 9.57 लाख रुपये उड़ा लिए। घटना इतनी तेजी से हुई कि शुरू में बुजुर्ग को इसका अंदाज़ा भी नहीं हुआ। लगातार मैसेज आने पर उन्हें शक हुआ और तुरंत 1930 पर शिकायत दर्ज कराई। साइबर पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।

बिल बकाया बताकर शुरू हुआ ठगी का जाल

साइबर सेल थाना प्रभारी विजय राणा के अनुसार, 25 नवंबर की शाम करीब 4:40 बजे बुजुर्ग आदित्य के फोन पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को IGL का कर्मचारी बताया और कहा कि उनका गैस बिल बकाया है। अगर भुगतान नहीं किया गया तो गैस कनेक्शन काट दिया जाएगा।

अचानक आए इस कॉल से बुजुर्ग घबरा गए। इसके बाद ठग ने व्हाट्सऐप पर एक लिंक भेजकर उनसे एक APK ऐप डाउनलोड करने को कहा। यहीं से पूरे ठगी की शुरुआत हुई।

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सिर्फ 12 रुपये के भुगतान में खाली हुआ पूरा बैंक अकाउंट

थाना प्रभारी ने बताया कि ठग ने बुजुर्ग को यकीन दिलाया कि उनके खाते में सिर्फ 12 रुपये का गैस बिल दिख रहा है और उसे तुरंत भर देना चाहिए। बुजुर्ग ने बिना शक किए APK ऐप में अपने RBL बैंक कार्ड की डिटेल भरी और 12 रुपये का भुगतान कर दिया। इसके कुछ ही क्षण बाद बुजुर्ग के फोन पर लगातार एक के बाद एक ट्रांजेक्शन अलर्ट आने लगे। तभी उन्हें समझ आया कि उनके साथ धोखा हुआ है।

सिर्फ 30 मिनट में 6 ट्रांजेक्शन, 9.57 लाख रुपये गायब

पीड़ित ने बताया कि आधे घंटे के भीतर उनके खाते से 6 बार पैसे निकाले गए और कुल 9.57 लाख रुपये उड़ा दिए गए। बुजुर्ग ने जैसे-तैसे बैंक को कॉल कर अकाउंट फ्रीज़ कराने की कोशिश की, लेकिन तब तक सारे पैसे निकल चुके थे। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

पुलिस की चेतावनी: अनजान लिंक और कॉल से रहें सावधान

साइबर सेल विशेषज्ञों ने बताया कि ठग लगातार नए तरीके अपनाते हैं और लोगों की लापरवाही का फायदा उठाते हैं। पुलिस की सलाह है कि–

  • किसी भी अनजान कॉल पर बिल बकाया या कनेक्शन कटने की बात पर भरोसा न करें।
  • किसी भी व्यक्ति के कहने पर कोई ऐप डाउनलोड न करें।
  • ओटीपी, कार्ड डिटेल या बैंक जानकारी किसी को न दें।
  • संदेह होने पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर शिकायत करें।

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि जागरूकता ही इस तरह की ठगी से बचने का सबसे बड़ा उपाय है।

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