सहजनवा-दोहरीघाट रेल लाइन परियोजना को नई रफ्तार मिल गई है। पूर्वांचल के विकास के लिए यह बड़ा रेल कॉरिडोर माना जा रहा है, जिसमें 11 नए स्टेशनों के निर्माण की तैयारी शुरू हो चुकी है। इससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
कभी लंबी दूरी और धीमी ट्रेन कनेक्टिविटी की शिकायत करने वाला पूर्वांचल आज एक नई रेल क्रांति की दहलीज पर खड़ा है। सहजनवा-दोहरीघाट नई रेल लाइन परियोजना की रफ्तार अब युद्धस्तर पर पहुंच चुकी है और इसी मार्ग पर प्रस्तावित 11 नए रेलवे स्टेशन अंतिम रूप लेने की कगार पर हैं। लंबे समय से जनता की प्रतीक्षित यह परियोजना अब हकीकत बनने की ओर बढ़ रही है, जिससे गोरखपुर, वाराणसी, छपरा और प्रयागराज जैसे प्रमुख शहरों का सफर नए और आसान मार्ग से संभव हो जाएगा।
81.17 किलोमीटर लंबी परियोजना, 1320 करोड़ रुपये का स्वीकृत बजट
पूर्वोत्तर रेलवे की इस महत्वाकांक्षी परियोजना की कुल लंबाई 81.17 किलोमीटर होगी। इसके लिए 1320 करोड़ रुपये का बजट पहले ही स्वीकृत किया जा चुका है।
परियोजना तीन चरणों में पूरी की जाएगी:
- प्रथम चरण: सहजनवा से बांसगांव (32.95 किमी), लक्षित समयसीमा वर्ष 2027
- द्वितीय चरण: बांसगांव से बड़हलगंज (36.80 किमी)
- तृतीय चरण: बड़हलगंज से न्यू दोहरीघाट (11.42 किमी)
सहजनवा–पिपरौली के बीच तिनहरा, बनौडा और बेलवा डाडी में मिट्टी भराई का कार्य जारी है। पुलिया निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और कई अन्य निर्माण कार्य भी प्रगति पर हैं।
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403 हेक्टेयर भूमि की जरूरत, अधिग्रहण तेज
कुल 112 गांवों में 403.29 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है, जिसमें से 57.19 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। पहले चरण में आवश्यक भूमि अधिग्रहण लगभग पूरा हो चुका है, जबकि शेष चरणों के लिए प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।रेलवे के स्पेशल प्रोजेक्ट में शामिल होने के बाद अधिग्रहण और निर्माण दोनों की गति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
11 नए रेलवे स्टेशन, इनके स्थान तय
नई रेल लाइन पर बनने वाले प्रस्तावित स्टेशन इस प्रकार रहेंगे:
- पिपरौली – सहजना
- खजनी – छताई
- उनवल – बढ़नी
- बैदौली बाबू – बैदौली बाबू
- बांसगांव – मंझगांवा
- ऊरुवा बाजार – गौरखास
- बनवारपार – बाथखुर्द
- गोला बाजार – रीमा
- भरौली – मरचीयार बुजुर्ग
- बड़हलगंज – तिहा मोहम्मदपुर
- न्यू दोहरीघाट – बुढ़ावल
इन स्टेशनों के विकसित हो जाने से दक्षिणांचल के ग्रामीण क्षेत्रों को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
सरयू नदी पर बनेगा 1200 मीटर लंबा रेल पुल
परियोजना में सरयू नदी पर 1200 मीटर लंबा विशाल रेलवे पुल बनाया जाएगा, जो इस पूरी लाइन का सबसे महत्वपूर्ण ढांचा होगा।
इसके अलावा शामिल हैं:
- 2 उपरिगामी पुल
- 15 अंडरपास
- 11 बड़े पुल
- 47 छोटे पुल
कई स्थानों पर निर्माण पहले ही प्रारंभ हो चुका है।
पूरा क्षेत्र बदलेगा, बढ़ेगी आर्थिक गतिविधि
नई रेल लाइन बनने के बाद:
- गोरखपुर से वाराणसी, छपरा और प्रयागराज के बीच दूरी कम होगी
- यात्रा समय घटेगा
- दक्षिणांचल के यात्रियों को स्टेशन तक पहुंचने की कठिनाई समाप्त होगी
- स्थानीय उद्योग, व्यापार और परिवहन को नया अवसर मिलेगा
यह परियोजना जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग के अनुरूप है, जिसे 17 दिसंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिली थी। अब परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है और पूर्वांचल के लिए एक नया रेल युग शुरू होने वाला है।
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