मायावती ने ट्वीट कर कहा कि केन्द्र की गलत नीतियों और कार्यशैली के कारण देश में गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है। ऐसे में जब लोकसभा चुनाव नजदीक है, तब दस लाख भर्ती की घोषणा चुनावी राजनीति से प्रेरित लगती है। उन्होने दलित और पिछड़ा वर्ग की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि समाज के इस वर्ग के लोग गरीबी और बेरोजगारी की मार सबसे ज्यादा झेल रहे है मगर सरकार खामोश है।