उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और कुशीनगर जिले की पडरौना सदर विधानसभा से तीन बार से विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य ने विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav) के ऐन वक्त बीजेपी को बड़ा झटका देते हुए पार्टी छोड़ दी। इस्तीफे के बाद उनकी विधानसभा क्षेत्र के कुछ कुशवाहा सामज के लोगों ने आक्रोश दर्ज कराया है। लोगों ने कहा कि केशव मौर्य के जाने पर बीजेपी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
आज इमरान ने सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। मसूद ने सपा में शामिल होने के बाद पत्रकारों से कहा कि हम अखिलेश के साथ हैं और उत्तर प्रदेश में बदलाव की बात कर रहे हैं। साथ ही कहा कि हम आरएलडी के साथ बैठक में नहीं थे। अखिलेश से मिल कर आए हैं और सपा में शामिल हुए हैं।
ऊंचाहार सीट मांगने की चर्चा पर सपा विधायक मनोज पांडे ने कहा है कि वह तो अखिलेश यादव के लिए ही समर्पित हैं। अखिलेश यादव ही सब कुछ हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात हो गई है और इसमें ऊंचाहार से चुनाव लड़ने की सहमति हुई है।
पीड़िता के अनुसार, उसे अंसार नाम के एक शख्स से प्यार हो गया था, जो 2015 में ईंट के एक भट्ठे में काम करता था। उसने आरोप लगाया कि अंसार उसे एक मदरसे में ले गया और उस पर धर्म बदलने का दबाव बनाने लगा।
कर्मचारियों का कहना है कि हमारे समस्या को विभिन्न मेडिकल कॉलेज के स्टाफ द्वारा संज्ञान में लिया गया है और उनके द्वारा भी जगह-जगह ज्ञापन दिए गए हैं लेकिन अभी तक मामले की कोई निवारण होती नहीं दिखाई दे रही।
पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया है। आपको बता दें कि सुल्तानपुर कोर्ट ने उन्हें आगामी 24 जनवरी तक पेश होने का आदेश दिया है।
मौर्य के बीजेपी छोड़ने की मुख्य वजह बीजेपी द्वारा उनके बेटे को टिकट ना दिया जाना है। काफी दिनों से स्वामी प्रसाद मौर्य पार्टी से नाराज चल रहे थे। वो अपने लिए, अपने बेटे के लिए और अपने कई समर्थकों के लिए टिकट मांग रहे थे।
योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री समेत चार विधायकों के सपा में जाने के बाद बीजेपी में अंदरखाने पूरी तरह से खलबली मच गई है। बीजेपी डैमेज कंट्रोल करनें में लगी हुई है लेकिन एक के बाद एक बीजेपी खेमे का विकट गिरते जा रहे है। कल से चल रहे कयासों के बाद यूपी सरकार के मंत्री (वन मंत्री) दारा सिंह चौहान ने भी इस्तीफा दे दिया है।
सफाईकर्मी शीला ने बताया कि हम लोगों का काम गंगा घाटों के किनारे साफ-सफाई का है। नगर निगम ने विशाल प्रोटेक्शन फोर्स नामक संस्था को यह जिम्मा दे रखा है। हमें 7500 रुपए प्रतिमाह देने की बात कही गई थी। नवंबर 2021 से हमें एक रुपए नहीं मिले हैं। इसलिए हम लोगों का धैर्य अब जवाब दे गया है। हमें नवंबर महीने से अब तक का पैसा दिया जाए तो हम काम शुरू करेंगे। नगर निगम के अधिकारी मौके पर आएं और हमारे साथ न्याय कराएं।