राजधानी लखनऊ में नागरिकता कानून को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी और कांग्रेस की नेता सदफ जफर को शुक्रवार को जमानत मिल गई। इन लोगों को 19 दिसंबर को लखनऊ के परिवर्तन चौक पर हुई हिंसा के बाद गिरफ्तार किया गया था।
बच्ची घर के पास भी खेल रही थी। युवक ने बच्ची व एक और लड़की को गांव के बाहर राजकीय नलकूप के पास बंद खड़ी बाइक में धक्का देने के लिए चलने को कहा। दोनों जाने को तैयार नहीं हुईं तो युवक ने 50-50 रुपये देने का लालच दिया। इस पर बच्ची उसके साथ चली गई। वहां ले जाकर युवक ने नलकूप में बच्ची से दुष्कर्म किया।
अयोध्या के करीब एक दर्जन महंत, काजी और कई मौलानाओं ने लखनऊ में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर उन्हें नए साल की मुबारकबाद दी।
जवानों की मानें तो हफ्तेभर पहले बटालियन कश्मीर से वृंदावन आई थी। इसी बटालियन में शामिल चाबुकेश्वर कुछ दिन से पारवारिक स्थितियों से परेशान चल रहा था। वह छुट्टी मांग रहा था और उसे छुट्टी नहीं मिली तो संभवत: उसने यह कदम उठा लिया। हालांकि बटालियन के कमांडर ने इस बात की पुष्टि नहीं की और न ही पारवारिक वजह पर ही कोई जवाब दिया
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सूबे की योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होने कहा कि प्रदेश के पुलिस महकमे में जिले के जिले खरीदे और बेंचे जा रहे हैं। यह सिर्फ पुलिस विभाग का मसला नहीं है बल्कि पूरी सरकार घूसखोरी और भ्रष्टाचार के दलदल में डूबी हुई है
यूपी के मेरठ में करीब 30 पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की कोशिश का मामला सामने आया है। मेरठ पुलिस ने खुद घटना का वीडियो जारी कर मामले की जानकारी दी।
यूपी के महोबा में शुक्रवार को एक दरोगा का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला। जानकारी के मुताबिक, कई सालों से महोबा में तैनात दरोगा का प्रयागराज ट्रांसफर हो गया था। जिसके बाद से वो परेशान था। इसी साल अप्रैल में वह रिटायर होने वाला था।
मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के स्वरूप पर हालांकि कोई फैसला नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि ट्रस्ट 11 सदस्यीय हो सकता है। इसमें सरकारी प्रतिनिधि के तौक पर अयोध्या के डीएम या फैजाबाद के कमिश्नर को स्थान दिया जाएगा।
SSP नोयडा के वीडियो वायरल होने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच तलब की है। CM ने मामले को स्वतः संज्ञान लेते हुए पूरे मामले पर मेरठ जोन के ADG से रिपोर्ट मांगी है
यूपी के मेरठ में बीते 20 दिसंबर को नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा के बाद मेरठ पुलिस ने 2 वीडियो जारी किए हैं। जिसमें दावा किया गया है कि हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक दुकान के अंदर 30 पुलिसकर्मियों और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवानों को जिंदा जलाने की कोशिश की थी। लेकिन समय पर एसएसपी अजय साहनी ने मौके पर पहुंच सभी सुरक्षाकर्मियों को बाहर निकाल लिया था।