काशी के बाबा विश्वनाथ के एक भक्त हैं भुल्लन पान वाले, इनके यहां से पिछले डेढ़ सौ सालों से बाबा भोले को मंगला आरती पर लगने वाले पान के भोग को भेजा जाता रहा है। दरअसल भुल्लन के दादा बाबा भोले के लिए पान का भोग लगाया करते थे। आज भी उसी परंपरा को जिंदा रखते हुए भुल्लन हर रोज मंगला आरती में बाबा के लिए सिंघाड़ा पान लगाते हैं।