सार

उमेश पाल अपहरण केस में माफिया अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा मिलने के बाद उसे साबरमती जेल पहुंचा दिया गया है। यहां कैदी नंबर 17052 के तौर पर उनकी पहचान होगी। अब उसे सजायाफ्ता कैदी के तौर पर काम भी करना होगा।

प्रयागराज: उमेश पाल अपहरण केस में सजा के ऐलान के बाद माफिया अतीक अहमद की साबरती जेल में पहचान कैदी नंबर 17052 के रूप में होगी। सजायाफ्ता कैदी के रूप में अतीक को यह नंबर जेल प्रशासन की ओर से जारी किया गया है। अब उसे कैदियों वाली ड्रेस पहननी होगी और जेल के तमाम काम भी करने होंगे। अतीक को जेल मैनुअल के अनुसार विभिन्न कामों की सूची सौंपी गई है उसमें जो काम वह चुनेगा उसे वही करना पड़ेगा।

सजा के ऐलान के बाद मिली बैरक और नई पहचान

गौरतलब है कि माफिया अतीक अहमद को प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट की ओर से सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने अतीक समेत तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस की टीम ने अतीक अहमद को साबरमती जेल में दाखिल करवाया। इसी के साथ जेल प्रशासन को अतीक अहमद के आजीवन कारावास से जुड़े हुए तमाम पत्र भी सौंपे गए। जेल पहुंचने के बाद अतीक को पहले पुरानी ही बैरक में भेजा गया। हालांकि अगले दिन गुरुवार को उसे सजायाफ्ता के रूप में बैरक आवंटित की गई। अतीक अहमद को यहां कैदी नंबर 17052 के रूप में जाना जाएगा।

उमेश पाल हत्याकांड मामले में अभी भी खाली हाथ पुलिस

माफिया अतीक अहमद को उमेश पाल अपहरण केस में भले ही सजा हो गई हो लेकिन पुलिस की बड़ी चूक सामने आई है। प्रयागराज कमिश्नरेट पुलिस और एसटीएफ को उमेश पाल हत्याकांड में भी तक कोई भी बड़ा सुराग हाथ नहीं लगा है। पुलिस घटना में इस्तेमाल असलहों को भी बरामद नहीं कर पाई है। कई शूटर अभी भी फरार हैं। अतीक और अशरफ की कस्टडी रिमांड पर लेने में भी पुलिस नाकामयाब रही। अतीक और अशरफ को प्रयागराज लाए जाने पर यह कयास लगाए जा रहे थे कि पुलिस की टीम इसी दौरान माफिया की रिमांड के लिए भी अपील करेगी और अतीक का वापस साबरमती जाना काफी मुश्किल होगा। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और माफिया बड़े आराम से वापस चला गया।

कानपुर आग: दमकल की 55 से अधिक गाड़ियों की मदद से मोर्चा संभाल रही सेना और फायर ब्रिगेड की टीम, देखें Video