रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में पीटीसी इंडस्ट्रीज के विश्व स्तरीय टाइटेनियम और सुपर एलॉय प्लांट का लोकार्पण किया। यह प्रोजेक्ट डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता, रोजगार और तकनीकी नवाचार की नई दिशा देगा।

लखनऊ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को पीटीसी इंडस्ट्रीज का दौरा किया और यहां स्थापित विश्व स्तरीय टाइटेनियम और सुपर एलॉय मटेरियल प्लांट्स का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने नई नियुक्त कर्मचारियों को रोजगार प्रमाणपत्र (Employment Certificates) भी प्रदान किए।

रक्षा मंत्री ने कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह आपके जीवन की नई शुरुआत है, जिसमें परिश्रम, समर्पण और राष्ट्र सेवा का भाव शामिल है। उन्होंने कहा कि यह यूनिट डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता (Self-Reliance) की दिशा में एक बड़ा कदम है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि इस परियोजना के वास्तविक नायक कर्मचारी और इंजीनियर हैं, जो भारत के भविष्य को आकार दे रहे हैं।

उत्तर प्रदेश बना इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन का प्रतीक

राजनाथ सिंह ने कहा कि पीटीसी इंडस्ट्रीज का यह लोकार्पण उत्तर प्रदेश में इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले यह कल्पना भी कठिन थी कि उत्तर प्रदेश डिफेंस और हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनेगा।

उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि मजबूत लॉ एंड ऑर्डर, निवेशक-हितैषी नीतियां और सरकार की पारदर्शी कार्यप्रणाली ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि अब निवेशक उत्तर प्रदेश में घबराते नहीं हैं। यह प्रोजेक्ट लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, रेवाड़ी और बनारस जैसे शहरों में मैन्युफैक्चरिंग हब के विकास को गति देगा, जिससे युवाओं को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर में नई ताकत

रक्षा मंत्री ने बताया कि टाइटेनियम और सुपर एलॉय मटेरियल्स रक्षा, एयरोस्पेस, इलेक्ट्रॉनिक्स और मेडिकल उपकरणों में अत्यंत जरूरी हैं। अब भारत इन सामग्रियों और महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स को खुद तैयार कर सकेगा, जिससे तकनीकी संप्रभुता (Technological Sovereignty) और आत्मनिर्भर भारत मिशन को मजबूती मिलेगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह प्लांट केवल मशीनें या मटेरियल्स नहीं बना रहा, बल्कि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की नींव रख रहा है।

रोजगार, प्रशिक्षण और नवाचार के अवसर

इस परियोजना से हजारों लोगों के लिए सीधे और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बनेंगे। इसके साथ ही, क्षेत्र के एमएसएमई और स्टार्टअप्स को तकनीकी सहयोग और प्रशिक्षण मिलेगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि आईआईटी, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों के विद्यार्थी इस परियोजना से सीखने और काम करने के अवसर प्राप्त करेंगे। इससे युवाओं को आधुनिक तकनीक का अनुभव भी मिलेगा।

भारत अब "डिज़ाइन, डेवलप और डिलीवर इन इंडिया" के युग में

रक्षा मंत्री ने बताया कि अब भारत केवल मेक इन इंडिया तक सीमित नहीं है। देश ने “डिज़ाइन, डेवलप और डिलीवर इन इंडिया” के नए युग में प्रवेश किया है। उन्होंने युवाओं और इनोवेटर्स से आह्वान किया कि वे इस नई डिफेंस इंडस्ट्री इकोसिस्टम का हिस्सा बनें और भविष्य की संभावनाओं को साकार करें।

ग्रीन टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर जोर

राजनाथ सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में ग्रीन टेक्नोलॉजी, ऊर्जा दक्षता और सस्टेनेबल ग्रोथ पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के विकास के साथ प्राकृतिक संसाधनों का संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। जब सरकार और उद्योग इस सोच के साथ काम करेंगे, तब भारत डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बन जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बढ़ती पहचान

रक्षा मंत्री ने बताया कि हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में उन्हें भारतीय डिफेंस और आर्थिक विकास की प्रशंसा सुनने को मिली। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत को गंभीरता से सुनती है और भारत की अंतरराष्ट्रीय हैसियत पहले से कहीं अधिक मजबूत हुई है।

उन्होंने इंजीनियरों और कर्मचारियों से कहा कि वे इस गति और जोश को बनाए रखें, ताकि भारत तकनीकी रूप से और अधिक सशक्त बन सके।

समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य उपस्थित

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल, राज्यसभा सांसद संजय सेठ और कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

पीटीसी इंडस्ट्रीज और भारत डायनामिक्स के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर

दौरे के दौरान रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने फाइटर जेट्स और मिसाइल पार्ट्स के निर्माण कार्यों को भी देखा। कार्यक्रम में पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) के बीच एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर हुए। इसके तहत दोनों संस्थान प्रोपल्शन सिस्टम्स, गाइडेड बम्स और स्मॉल टर्बो इंजनों के डिजाइन व निर्माण में सहयोग करेंगे।

साथ ही, डीआरडीओ (DRDO) द्वारा दो लेटर्स ऑफ टेक्निकल एक्सेप्टेंस जारी किए गए-

  • एएमसीए (AMCA) के लिए टाइटेनियम कास्टिंग
  • कावेरी डेरिवेटिव इंजन KDE2 के लिए ऑयल टैंक असेंबली टाइटेनियम कास्टिंग

ये प्रौद्योगिकियां डीएमआरएल और जीटीआरई के सहयोग से विकसित हुई हैं।

समारोह में 30 ग्रेजुएट इंजीनियर ट्रेनीज़ को नियुक्ति पत्र दिए गए। रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने इन इंजीनियरों के साथ ग्रुप फोटोशूट भी कराया।

आत्मनिर्भर भारत की नई उड़ान का केंद्र बना उत्तर प्रदेश

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अब आत्मनिर्भरता की नई उड़ान भर रहा है और इसका केंद्र लखनऊ नोड का पीटीसी इंडस्ट्रीज परिसर बन चुका है। यह भारत की पहली निजी इंडस्ट्री है जिसने टाइटेनियम और सुपर एलॉय की ग्लोबल-लेवल कैपेसिटी स्थापित की है। यहां दुनिया की सबसे बड़ी टाइटेनियम रीमेल्टिंग और रीसाइक्लिंग फैसिलिटी एक ही कैंपस में मौजूद है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि यह केवल उद्योग नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता और तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक है। भारत अब सिर्फ निर्माण नहीं कर रहा, बल्कि इतिहास रच रहा है।

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