सार
मिल्कीपुर उपचुनाव: लोकसभा चुनाव में जिस अयोध्या सीट पर समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने बीजेपी उम्मीदवार को धूल चटाकर विपक्ष को सबसे बड़ी जीत दी थी, वहीं की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर अब उप चुनाव है। यूं तो ये सिर्फ एक सीट का उपचुनाव है लेकिन इस सीट का महत्व समाजवादी पार्टी और बीजेपी दोनों के लिए ही इतना ज्यादा है कि अब ये दोनों ही दलों की साख की लड़ाई बन गई है। एक तरफ अखिलेश की समाजवादी पार्टी है, जिसके सामने अपने अपने पीडीए फार्मूले को अचूक साबित करने की चुनौती है तो दूसरी तरफ बीजेपी है जिसके सामने यहां अपनी खोई साख को वापस करने का सवाल है। ऐसे में, बीजेपी हो या समाजवादी पार्टी, इस सीट पर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
स्टार प्रचारकों की सूची जारी
अब समाजवादी पार्टी (सपा) ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 40 नेताओं के नाम शामिल हैं, जिनमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव, डिंपल यादव और आजम खान जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं। पार्टी के अनुसार, ये स्टार प्रचारक मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में सपा उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगे और जनता तक पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों को पहुंचाएंगे। अखिलेश यादव खुद इस चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे और अन्य नेता भी क्षेत्र में पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का काम करेंगे। स्टार प्रचारकों के अलावा समजाजवादी पार्टी अपनी पूरी ताकत इस उपचुनाव में लगा रही है। पार्टी कार्यकर्ता भी यहां चुनाव लड़ाने पहुंच रहे हैं।
सपा की रणनीति
मिल्कीपुर उप-चुनाव को 2027 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले यूपी का सबसे अहम चुनाव माना जा रहा है। सपा का उद्देश्य भाजपा और अन्य दलों के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ना और इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करना है। ऐसे में सपा की रणनीति स्पष्ट है- किसी भी तरह इस सीट को जीतना और इसके लिए जो जरूरी हो करना। कांटे की टक्कर मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में प्रमुख पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।
भाजपा और सपा दोनों ही इस चुनाव में अपनी ताकत झोंक रही हैं। ऐसे में सपा ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इस चुनाव को कितनी गंभीरता से ले रही है। पार्टी कार्यकर्ताओं और क्षेत्रीय नेताओं को निर्देश दिया गया है कि वे स्टार प्रचारकों के कार्यक्रम को सफल बनाएं और अधिक से अधिक मतदाताओं तक पार्टी का संदेश पहुंचाएं। वहीं बीजेपी भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। ये उप-चुनाव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए बड़ी परीक्षा हैं। योगी आदित्यनाथ को साबित करना है कि उनके व्यक्तित्व और करिश्मे के सामने सपा का पीडीए फार्मूला फेल है।
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