यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चुनाव ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी की दावेदारी, योगी आदित्यनाथ से पुरानी सियासी स्पर्धा और गोरखपुर फैक्टर ने इस चुनाव को बेहद अहम बना दिया है। जल्द होगा बड़ा ऐलान।

भारतीय जनता पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव आम तौर पर संगठनात्मक प्रक्रिया माना जाता है, लेकिन इस बार तस्वीर कुछ अलग है। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक सियासी सरगर्मी तेज है और वजह है- गोरखपुर कनेक्शन। नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और रविवार को मतदान के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो जाएगा। इसी बीच केंद्रीय राज्य मंत्री और सात बार के सांसद पंकज चौधरी की एंट्री ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है।

गोरखपुर फैक्टर ने क्यों बढ़ाई बेचैनी?

इस चुनाव को लेकर बेचैनी इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पंकज चौधरी, दोनों का राजनीतिक उदय गोरखपुर से हुआ है। पंकज चौधरी ने राजनीति की शुरुआत गोरखपुर से की थी, बाद में वह महाराजगंज लोकसभा सीट से लगातार जीतते रहे। डिप्टी मेयर के तौर पर भी उनकी पहचान बनी। इसी दौर में योगी आदित्यनाथ से उनकी राजनीतिक स्पर्धा की चर्चा संगठन और जमीन दोनों स्तरों पर होती रही है।

आज की तारीख में योगी आदित्यनाथ यूपी बीजेपी के सबसे बड़े चेहरों में हैं, मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ जनता में उनकी मजबूत पकड़ है। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व संगठन और सरकार के बीच शक्ति संतुलन साधने के लिए पंकज चौधरी को आगे बढ़ा सकता है।

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क्यों सबसे मजबूत माने जा रहे हैं पंकज चौधरी?

प्रदेश अध्यक्ष की रेस में कई दिग्गजों के नाम चर्चा में हैं, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, साध्वी निरंजन ज्योति और पंकज चौधरी। हालांकि, पार्टी के भीतर यह लगभग तय माना जा रहा है कि अध्यक्ष ओबीसी वर्ग से होगा। ऐसे में सभी दावेदार इसी श्रेणी से आते हैं। लेकिन जातीय संतुलन, संगठनात्मक अनुभव और सरकार-संगठन के बीच तालमेल इन तीनों पैमानों पर पंकज चौधरी का नाम सबसे ऊपर बताया जा रहा है। कुर्मी समुदाय से आने के साथ-साथ उनका केंद्रीय अनुभव और संगठन से जुड़ाव उन्हें मजबूत दावेदार बनाता है। अगर उन्हें जिम्मेदारी मिलती है, तो यूपी बीजेपी की राजनीति का केंद्र एक बार फिर गोरखपुर बन सकता है।

नामांकन का समय और रणनीति

केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी दिल्ली से लखनऊ पहुंच चुके हैं। उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी चुनाव पर्यवेक्षक विनोद तावड़े भी मौजूद हैं। एयरपोर्ट से सीधे वीवीआईपी गेस्ट हाउस पहुंचकर दोनों नेताओं ने थोड़ी देर विश्राम किया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, शाम करीब तीन बजे के बाद लखनऊ स्थित बीजेपी प्रदेश कार्यालय में नामांकन दाखिल किया जा सकता है। अंदरखाने की खबर यह भी है कि संगठन मंत्री बीएल संतोष की ओर से पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के संकेत मिल चुके हैं।

रविवार को खुलेगा सियासी पत्ता

शनिवार को नामांकन और रविवार को मतदान के बाद तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी। सवाल सिर्फ इतना नहीं है कि यूपी बीजेपी का अगला अध्यक्ष कौन होगा, बल्कि यह भी है कि संगठन की कमान किस दिशा में जाएगी, और गोरखपुर की राजनीति को कितना बड़ा रोल मिलने वाला है। अब सभी की निगाहें रविवार के फैसले पर टिकी हैं।

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