मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में डायरेक्ट सीडेड राइस कॉन्क्लेव में घोषणा की कि उत्तर प्रदेश को वैश्विक फूड बास्केट बनाया जाएगा। सीएम ने कहा- प्रदेश 2029-30 तक वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनेगा और कृषि इसका प्रमुख आधार होगा।

काशी की पवित्र धरती पर गंगा किनारे इतिहास और भविष्य एक साथ बहता है। इसी पावन नगरी में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि के नए युग की नींव रखी। डायरेक्ट सीडेड राइस (डीएसआर) कॉन्क्लेव के मंच से उन्होंने ऐलान किया कि उत्तर प्रदेश को भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का फूड बास्केट बनाने का संकल्प लिया गया है।

उत्पादन क्षमता तीन गुना करने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि समय पर तकनीक और बीज उपलब्ध कराए जाएं, तो प्रदेश तीन गुना अधिक उत्पादन करने में सक्षम है। 2029-30 तक यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने की योजना है, जिसमें कृषि क्षेत्र सबसे बड़ा योगदान देगा। इसके लिए ईरी (IRRI) और सीआईपी (CIP) जैसे संस्थानों के सहयोग से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित होंगे।

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"अन्नं बहु कुर्वीत तद् व्रतम्" -खेती का संकल्प

योगी ने भगवान विश्वनाथ की नगरी की सांस्कृतिक महत्ता जोड़ते हुए कहा कि शिव और नंदी हमें उन्नत खेती के लिए प्रेरित करते हैं। उर्वरता, सिंचाई और धूप—इन तीनों से भारत कृषि के लिए आदर्श भूमि है। उन्होंने आंकड़ों के साथ बताया कि उत्तर प्रदेश अकेले भारत का 21% खाद्यान उत्पादन करता है और यहां 80% भूमि सिंचित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में धान की खेती का इतिहास 8 हजार साल पुराना है। काला नमक चावल को भगवान बुद्ध द्वारा दिया गया प्रसाद बताते हुए उन्होंने इसे विश्व मंच पर बढ़ावा देने की घोषणा की।

पांच गुना बढ़ा खाद्यान उत्पादन

आजादी के बाद यूपी में 11.77 मिलियन टन खाद्यान उत्पादन होता था, जो अब बढ़कर लगभग 60 ट्रिलियन टन हो गया है। खेती का रकबा भी 170 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 240 लाख हेक्टेयर हो गया।सीएम ने लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर 250 एकड़ में सीड पार्क बनाने की घोषणा की। यहां से जलवायु बदलाव को ध्यान में रखते हुए किसानों तक बेहतर बीज पहुंचाए जाएंगे। कॉन्क्लेव में बैट्री संचालित ई-सीडर और प्रिसिजन हिल सीडर उपकरण का लोकार्पण भी किया गया।

लैब टू लैंड - किसानों तक नई तकनीक, मंच पर शामिल रहे विशिष्टजन

योगी आदित्यनाथ ने वैज्ञानिकों से अपील की कि वे प्रयोगशालाओं से निकल कर खेतों तक जाएं और नई तकनीक का सीधा प्रदर्शन करें। उन्होंने बताया कि यूपी में 70 लाख हेक्टेयर में धान, 100 लाख हेक्टेयर में गेहूं और 29 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती होती है।इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, राज्य मंत्री रविन्द्र जायसवाल, दयाशंकर मिश्र, बलदेव सिंह औलख, प्रमुख सचिव कृषि रविन्द्र कुमार, डीजी ईरी यवोन पिंटो, डीजी सीआईपी डॉ साइमन हेक, श्रीलंका के कृषि सचिव डीबी विक्रमसिंघे व अन्य कृषि वैज्ञानिक और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

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