सार
बलिया: देश की राजनीति में बयानबाजी अक्सर विवादों को जन्म देती है, और अब उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने एक ऐसा बयान दिया है, जो न केवल चर्चा में है, बल्कि एक नया विवाद भी खड़ा कर दिया है। बलिया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राजभर ने दावा किया कि हनुमान जी राजभर जाति में पैदा हुए थे। यह बयान जैसे ही उन्होंने दिया, राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई।
सपा और कांग्रेस पर तीखा हमला
राजभर ने अपनी जनसभा में सिर्फ हनुमान जी को लेकर नहीं, बल्कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (SP) पर भी तीखे हमले किए। राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी को अंबेडकर के नाम से इतनी चिढ़ थी कि 2012 से पहले वह मंचों पर यह कहते थे कि लखनऊ में बने अंबेडकर पार्क को गिरा कर शौचालय बनाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस को भी निशाने पर लिया और कहा कि जो पार्टी लाखों नेताओं और पत्रकारों को आपातकाल में जेल में डालने का काम करती है, वह अब संविधान की बात करती है।
बलिया की जनसभा में राजभर का दावा
राजभर ने बलिया जिले के चितबड़ागांव क्षेत्र के वासुदेवा गांव में महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा के निर्माण के लिए आयोजित भूमि पूजन और जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “हनुमान जी राजभर जाति में पैदा हुए थे। जब राम और लक्ष्मण को अहिरावण ने पाताल लोक में बंदी बना लिया था, तब पाताल लोक से उन्हें निकालने का साहस केवल हनुमान जी को था, जो राजभर जाति में पैदा हुए थे।”
राजभर ने आगे कहा, "गांव में आज भी बुजुर्ग बच्चों के झगड़े के दौरान यह कहते हैं कि 'भर बानर हैं'। इसका मतलब है कि हनुमान जी का संबंध बानर जाति से था।" इस बयान के बाद से हनुमान जी की जाति को लेकर एक और विवाद उठ खड़ा हुआ है।
राजभर का बयान, पुराने विवादों की याद दिलाता है
यह पहला मौका नहीं है जब हनुमान जी को लेकर विवाद उठाया गया है। इससे पहले 2018 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान जी को दलित, वनवासी और वंचित बताया था, जिसे लेकर राजनीति में गर्मा-गर्मी हुई थी। छत्तीसगढ़ के नेता नंद कुमार साय ने हनुमान जी को अनुसूचित जाति का बताया था, जबकि बीजेपी नेता सत्यपाल सिंह ने हनुमान जी को आर्य जाति का बताया था।
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