सार

संभल की शाही जामा मस्जिद विवाद में सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए कोर्ट कमिश्नर ने 15 दिन का और समय मांगा है। बीमारी के चलते रिपोर्ट तैयार नहीं होने का हवाला दिया गया है। विपक्षी पक्ष ने इसका विरोध किया है।

संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के विवाद को लेकर कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने सोमवार को अदालत में सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 15 दिन का समय और मांगा है। कोर्ट कमिश्नर ने अपनी तबियत खराब होने का हवाला देते हुए रिपोर्ट तैयार नहीं कर पाने की वजह बताई। हालांकि, विपक्षी अधिवक्ता शकील वारसी ने इसका विरोध किया और अदालत से रिपोर्ट जल्दी पेश करने की मांग की। न्यायालय ने उनकी आपत्ति पर लिखित जवाब देने का निर्देश दिया है।

जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर का विवाद

आपकी जानकरी के लिए बता दें की यह मामला 19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन चंदौसी की अदालत में दायर किया गया था। दरअसल वादकारियों ने शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर का नाम देने का दावा किया था। इनमें कैला देवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी और हरिशंकर जैन सहित आठ वादकारी शामिल थे। इस पर अदालत ने कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव को सर्वे करने का आदेश दिया था। हालांकि सर्वे रिपोर्ट पेश नहीं हो पाई।

विवादित सर्वे और सुरक्षा का सवाल

सर्वे के दौरान 24 नवंबर को कोर्ट कमिश्नर ने डीएम और एसपी की सुरक्षा में दोबारा सर्वे किया, जो बाद में हिंसक हो गया। इस हिंसा में पांच लोग मारे गए और कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे। इसके बाद, अदालत ने कोर्ट कमिश्नर से सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए 10 दिन का समय मांगा था, जो अब पूरा हो चुका है। सोमवार को कोर्ट कमिश्नर ने रिपोर्ट पेश करने के लिए और 15 दिन का समय मांगा, जिससे मामले में एक और देरी हो सकती है।

सुरक्षा व्यवस्था में कड़ी चेकिंग

आज की सुनवाई के दौरान न्यायालय परिसर के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। पुलिस ने न्यायालय में प्रवेश करने से पहले वादकारियों की चेकिंग की। इस घटनाक्रम पर अदालत का निर्णय शाम तक आने की उम्मीद है, जिसके बाद मामले की दिशा साफ हो सकेगी।

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