UPITS 2025 pavilion: ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 में योगी सरकार प्रदर्शित करेगी इमर्सिव और डिजिटल पवेलियन, जिसमें सांस्कृतिक नृत्य, निवेश अवसर, ओडीओपी और एआर/वीआर डिस्प्ले से सजेगा पर्यटन और परंपरा का संगम।
उत्तर प्रदेश अब केवल इतिहास और संस्कृति का केंद्र नहीं, बल्कि वैश्विक निवेश और पर्यटन का नया गेटवे बन रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पर्यटन विभाग 25 से 29 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित होने वाले उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 (यूपीआईटीएस-2025) में एक अनूठा और आधुनिक पवेलियन प्रदर्शित करेगा। यह पवेलियन राज्य की सांस्कृतिक विविधता, निवेश संभावनाओं और आर्थिक प्रगति को दुनिया के सामने पेश करेगा।
इमर्सिव और डिजिटल पवेलियन बनेगा आकर्षण
पर्यटन विभाग का पवेलियन इमर्सिव और पर्यावरण-अनुकूल रूप में तैयार किया जा रहा है। इसमें डिजिटल स्टोरीटेलिंग, एआर/वीआर डिस्प्ले, ऑटो-नेविगेशन कियोस्क और सेल्फी जोन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। वहीं सांस्कृतिक विविधता दिखाने के लिए ब्रज का मयूर नृत्य, सोनभद्र-लखीमपुर के जनजातीय नृत्य, झांसी का बुंदेली नृत्य और लखनऊ घराने की कथक प्रस्तुतियां आगंतुकों का मन मोह लेंगी।
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मोबाइल ऐप और ओडीओपी पर फोकस
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य पर्यटन क्षेत्र को राज्य सरकार की वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का अहम इंजन बनाना है। पवेलियन में विभाग के मोबाइल ऐप का प्रचार किया जाएगा, जिसके जरिए आगंतुकों को आध्यात्मिक, बौद्ध, ग्रामीण और वेलनेस पर्यटन की जानकारी मिलेगी। साथ ही, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी), हस्तशिल्प, मंदिर वास्तुकला और ग्रामीण पर्यटन नवाचार भी प्रदर्शनी का हिस्सा होंगे।
व्यापार और निवेश को बढ़ावा
यूपीआईटीएस-2025 का मंच केवल सांस्कृतिक उत्सव ही नहीं, बल्कि निवेश और व्यापारिक अवसरों का संगम भी बनेगा। यहां निवेशकों के लिए पीपीपी-रेडी हेरिटेज प्रोजेक्ट्स, पूंजी सब्सिडी, भूमि आवंटन, टैक्स छूट और सिंगल विंडो क्लीयरेंस की सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। पवेलियन में बी-टू-बी संवाद, निवेशकों के लिए लाउंज और मीडिया किट्स भी होंगे।
उत्तर प्रदेश का वैश्विक विजन
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि यह पवेलियन केवल प्रदर्शनी नहीं बल्कि एक समग्र अनुभव होगा। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और नीतिगत संवादों के माध्यम से उत्तर प्रदेश को वैश्विक पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पहल से रोजगार सृजन, सतत पर्यटन को बढ़ावा और विरासत को आय का श्रोत बनाने का लक्ष्य है।
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