सार
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के द्वारा लगातार यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को 100 विधायक लाने और सरकार बनाने का ऑफर दिया जा रहा है। हालांकि इसको लेकर पार्टी के नेताओं ने नाराजगी भी दिख रही है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से लगातार यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को 100 विधायक लाने और अपनी सरकार बनाने का ऑफर दिया जा रहा है। अखिलेश सार्वजनिक मंचों और सभाओं से भी उन्हें यह ऑफर दे चुके हैं। उनका कहना है कि केशव प्रसाद मौर्य अपने साथ 100 विधायकों को लेकर आएं और सपा के विधायकों को साथ लेकर सरकार बनाएं और सीएम बन जाएं। हालांकि उनके इस ऑफर पर सपा समर्थक भी अखिलेश यादव को आड़े हाथों ले रहे हैं। अखिलेश यादव का कहना है कि केशव प्रसाद मौर्य को भाजपा में सम्मान नहीं मिल रहा है औऱ जनता बीजेपी सरकार से परेशान है। लिहाजा केशव अपने साथ में भाजपा के विधायकों को साथ लेकर सपा के पास आए और वह सीएम बन जाएं।
'राजनीति को सिर्फ हंसी मजाक ही समझते हैं अखिलेश यादव'
अखिलेश यादव की ओर से दिए जा रहे ऑफर को लेकर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि,'इस तरह के ऑफर उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है। अखिलेश यादव के लिए राजनीति कोई सीरियस चीज नहीं है। वह इसे सिर्फ हंसी मजाक ही समझते हैं। इसी के चलते वह समय-समय पर इस तरह की बातें करते रहते हैं।' वहीं वरिष्ठ पत्रकार भाष्कर दुबे बताते हैं कि अखिलेश यादव को भी यह समझना चाहिए कि हर व्यक्ति का स्वभाव स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह से नहीं होता है जो क्षणिक नफा-नुकसान सोचकर दल बदल ले। केशव प्रसाद मौर्य का पुराना राजनीतिक इतिहास भी देखा जाए तो इस तरह की कोई घटना नहीं मिलती है जब उन्होंने दूसरे दल में जाने को लेकर विचार किया है। समय-समय पर इस तरह के ऑफर और स्टूल मंत्री आदि चीजें बोलकर वह(अखिलेश यादव) सिर्फ और सिर्फ उन्हें (केशव प्रसाद मौर्य) को पथ भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि उन्हें दूर-दूर तक इस काम में सफलता मिलती नहीं नजर आ रही।
सपा नेताओं ने कहा- केशव करें अखिलेश के ऑफर पर विचार
समाजवादी पार्टी के नेताओं की ओर से बताया गया कि डिप्टी सीएम कुर्सी पर बैठकर कुछ नहीं कर सकते हैं तो अखिलेश यादव का ऑफर अच्छा है। इस पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को विचार करना चाहिए। अखिलेश यादव ने विधानसभा में कहा था कि सरकार बनाने में अति पिछड़ों को ढाल बनाया गया। सरकार बनने के बाद पूंजीपति राज कर रहे हैं। जो अति पिछड़े हैं उनकी कभी पंचमतल पर तख्ती उखाड़ी जाती है तो कभी उनकी बेइज्जती की जाती है। उन्हें स्टूल पर बैठाया जाता है। आखिर यह सरकार केशव प्रसाद मौर्य के नाम पर ही बनी थी।
डिप्टी सीएम की फोटो पर भी सपा ने कसा तंज
गौरतलब है कि लगातार अखिलेश यादव की ओर से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को ऑफर दिया जा रहा है कि वह 100 विधायकों को लेकर आए और वह सपा के सहयोग से अपनी सरकार बना लें। इसी कड़ी में जब यूपी के दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य औऱ ब्रजेश पाठक की एक साथ हंसते हुए तस्वीर सामने आई तो सपा ने उसे ट्वीट कर भी कटाक्ष किया। सपा मीडिया सेल के द्वारा लिखा गया कि 50-50 का जुगाड़ मिलकर कर लिया। 100 सपा वाले+राजभर निषाद पटेल बन गई अपनी सरकार?
क्या कहता है आंकड़ों का खेल
यूपी विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या 255 है और अपना दल सोनेलाल के विधायकों की संख्या 11 है। जबकि सपा के विधायकों की संख्या 109 और राष्ट्रीय लोग दल के विधायकों की संख्या 9 है। सपा गठबंधन से सुभासपा भी अलग हो चुकी है। ऐसे में अगर केशव प्रसाद भाजपा खेमे के 100 विधायक लेकर आते हैं तो सपा के पास विधायकों की संख्या बहुमत के 202 के पार पहुंच जाएगी। इसके बाद समाजवादी पार्टी बड़े आराम से गठबंधन की सरकार बना सकती है। इसी के चलते बार-बार केशव प्रसाद को यह ऑफर दिया जा रहा है।