अयोध्या में ध्वजारोहण महोत्सव के साथ शहर विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है। श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद पर्यटन में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। 50,000 करोड़ के निवेश, हाईटेक सिटी प्लान, 2047 तक वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र बनने की तैयारियां जारी हैं।
लखनऊ। रामनगरी अयोध्या में गुरुवार को कलश यात्रा के साथ दिव्य और गौरवशाली ध्वजारोहण महोत्सव की शुरुआत हो गई। ध्वजारोहण का अनुष्ठान 25 नवंबर को होगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के 191 फीट ऊंचे शिखर पर ध्वजा फहराएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में तैयारियां तेज हो गई हैं। यह कार्यक्रम अयोध्या के विकास और समृद्धि की एक नई गाथा की शुरुआत माना जा रहा है।
अयोध्या में पर्यटन का रिकॉर्ड बढ़ा, बना विश्व का पसंदीदा गंतव्य
अयोध्या अब केवल आध्यात्मिक नगरी नहीं, बल्कि एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बन चुकी है। 2020 में अयोध्या में करीब 60 लाख पर्यटक आए थे। लेकिन श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद यह संख्या ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई।
सिर्फ जनवरी से जून 2024 के बीच करीब 23 करोड़ लोग अयोध्या पहुंचे। अनुमान है कि 2024 के अंत तक यह आंकड़ा 50 करोड़ पार कर जाएगा। इस अभूतपूर्व वृद्धि का श्रेय डबल इंजन सरकार की योजनाओं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व को जाता है।
अयोध्या विकास में नया इतिहास, 2031 तक हाईटेक सिटी का लक्ष्य
पूर्ववर्ती सरकारों में अयोध्या उपेक्षित रही, लेकिन 2017 के बाद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को विकास की पहली पंक्ति में रखा। दीपोत्सव की शुरुआत से शहर की वैश्विक पहचान बनी और 2024 में श्रीराम मंदिर के निर्माण के साथ इसका तेज़ी से आधुनिकीकरण शुरू हुआ। मास्टर प्लान के तहत 2031 तक अयोध्या को पूर्ण हाईटेक सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है।
2047 तक अयोध्या को वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र बनाने की योजना
सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक अयोध्या को विश्व का प्रमुख आध्यात्मिक गंतव्य बनाया जाए। इसके लिए शहर में Ayurvedic Therapy, Nature-Based Lifestyle और Spiritual Wellness को बढ़ावा दिया जाएगा।
लंबे समय तक रहने वाले पर्यटकों के लिए लग्जरी कॉटेज, जल क्रीड़ा, नदी क्रूज, हेलीकॉप्टर जॉयराइड और वैदिक व योग प्रशिक्षण संस्थान विकसित किए जा रहे हैं। यह योजना धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को नए स्तर पर ले जाएगी।
अयोध्या में आर्थिक पुनर्जागरण, 50,000 करोड़ का निवेश
केंद्र और राज्य सरकार मिलकर अयोध्या में लगभग 50,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही हैं। पर्यटन-आधारित अर्थव्यवस्था अब 8,000–12,500 करोड़ रुपये सालाना तक पहुंच चुकी है। आने वाले वर्षों में यूपी के पर्यटन सेक्टर के 70,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें अयोध्या का हिस्सा लगभग 25% रहेगा।
यूपी की अर्थव्यवस्था में अयोध्या की अहम भूमिका
अयोध्या वर्तमान में अकेले लगभग 1.5% GSDP का योगदान दे रही है। राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने में अयोध्या की सीधी भूमिका है। यह शहर अब यूपी की नई सर्विस इकॉनमी का महत्वपूर्ण केंद्र है, जो धार्मिक पर्यटन के साथ विनिर्माण और कृषि आधारित विकास में योगदान दे रहा है।
विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता
अयोध्या में ग्रीनफील्ड टाउनशिप के तहत 1407 एकड़ क्षेत्र में 2180 करोड़ की लागत से स्मार्ट और पर्यावरण-अनुकूल टाउनशिप बनाई जा रही है। यह विकास वैदिक प्रस्तार योजना पर आधारित है, जिसका उद्देश्य भविष्य में बढ़ती जनसंख्या और पर्यटकों के दबाव को संतुलित तरीके से संभालना है।
राम वन गमन पथ पर 4,403 करोड़ रुपये और ग्रीनफील्ड टाउनशिप पर 2,182 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। शहर की वर्तमान आबादी 11 लाख है, जो 2031 में 24 लाख और 2047 में 35 लाख तक पहुंच सकती है।


