अयोध्या मंडल में योगी सरकार की ग्रामीण पर्यटन नीति से होमस्टे, हस्तशिल्प और सांस्कृतिक गतिविधियों के जरिए गांवों की आय में 40% तक वृद्धि हुई है। 19 गांव होमस्टे मॉडल से विकसित हो रहे हैं, जिससे युवाओं, महिलाओं और कारीगरों को नए रोजगार मिले हैं।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ग्रामीण पर्यटन नीति से अयोध्या मंडल के गांवों में आर्थिक गतिविधियों का नया दौर शुरू हुआ है। प्रदेश सरकार ने धार्मिक पर्यटन को गांवों की जीवनशैली और लोक संस्कृति से जोड़कर ऐसा मॉडल तैयार किया है, जिसने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है। अयोध्या मंडल के 19 गांवों को विशेष रूप से होमस्टे विकास के लिए चुना गया है। इस पहल से हजारों ग्रामीण परिवारों की आमदनी बढ़ी है और जीवन स्तर में सुधार आया है।
होमस्टे विकास से युवाओं और महिलाओं को रोजगार
सरकार ने अयोध्या धाम आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को ग्रामीण संस्कृति से परिचित कराने के लिए बड़े स्तर पर ग्रामीण पर्यटन योजना लागू की है। पहले चरण में पूरे प्रदेश के 93 गांवों को चुना गया, जिनमें 19 गांव अयोध्या मंडल के हैं। अयोध्या जिले के अमौनी, शेरवाघाट, अबानपुर सरोहा, गौराघाट और रामपुरवा गांवों में 50 होमस्टे पर काम चल रहा है। इनमें से ज्यादातर होमस्टे अब पर्यटकों को ठहरने की सुविधा दे रहे हैं।
जिले में 292 होटल और 1186 होमस्टे रजिस्टर्ड हैं, जो यात्रियों को उचित कीमत पर ठहरने की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। साथ ही गांवों में सड़क, आवास, सांस्कृतिक केंद्र, स्थानीय भोजन और पर्यटक सुविधाओं को सुधारा गया है। इससे स्थानीय युवाओं, महिलाओं और कारीगरों के लिए रोजगार और आजीविका के अवसर पैदा हुए हैं।
होमस्टे रजिस्ट्रेशन बढ़ने से ग्रामीण आमदनी में बढ़ोतरी
अयोध्या में शुरुआत में हर होमस्टे की मासिक आय 40,000–50,000 रुपये थी, जो अब बढ़कर करीब 2 लाख रुपये तक पहुंच गई है। ‘दिव्य अयोध्या’ ऐप पर फरवरी 2025 तक 69 लाख से अधिक बुकिंग दर्ज की गई हैं।
अधिकतर होमस्टे का किराया 1500–2500 रुपये प्रतिदिन प्रति कमरा है। योगी सरकार की होमस्टे नीति 2025 लागू होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकरण तेजी से बढ़ा है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या से ग्रामीण होमस्टे संचालकों की मासिक आमदनी में लगभग 40% की वृद्धि हुई है। अब ग्रामीण परिवार खेती के साथ पर्यटन से जुड़कर स्थिर आय प्राप्त कर रहे हैं।
अयोध्या के निवासियों को हो रहा बड़ा लाभ
अयोध्या में गेस्ट हाउस संचालक अंशुमान तिवारी के अनुसार, राम मंदिर निर्माण और होमस्टे की अनुमति मिलने के बाद स्थानीय लोगों की आय में काफी बढ़ोतरी हुई है। सामान्य होमस्टे संचालक भी महीने में 50,000 से 1 लाख रुपये तक कमा रहे हैं। यह सब योगी सरकार की नीतियों और अयोध्या के तेजी से हो रहे विकास के कारण संभव हुआ है।
हस्तशिल्प और लोककला को नई पहचान, महिलाओं की बढ़ी भूमिका
राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में स्थानीय हस्तशिल्पकारों की संख्या 25% तक बढ़ी है। होमस्टे मॉडल ने पारंपरिक कारीगरों, कलाकारों और हस्तशिल्पियों को नया बाजार दिया है। पर्यटन विभाग द्वारा बनाए गए ग्रामीण सांस्कृतिक अनुभव समूहों में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। महिलाएं खाद्य व्यवस्था, स्थानीय व्यंजन, घरेलू उत्पाद, सफाई और मेहमाननवाजी से जुड़कर प्रति माह 5,000–12,000 रुपये तक कमा रही हैं।
पर्यटन आधारित आत्मनिर्भर गांवों की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मानते हैं कि अयोध्या की पहचान केवल मंदिरों से ही नहीं, बल्कि गांवों की संस्कृति और परंपरा से भी है। गांवों में होमस्टे, सांस्कृतिक भ्रमण, ग्रामीण भोजन, खेती अनुभव, नदी किनारे गतिविधियों और हस्तशिल्प बाजार विकसित कर सरकार ने व्यापक आर्थिक ढांचा तैयार किया है। यह मॉडल भविष्य में लाखों ग्रामीण परिवारों को स्थायी आय देगा और उत्तर प्रदेश को ग्रामीण पर्यटन में राष्ट्रीय अग्रणी बनाएगा।


