योगी सरकार के पर्यटन प्रयासों से प्रयागराज को वैश्विक पहचान मिली है। महाकुंभ 2025 की सफलता के बाद माघ मेला 2026 में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। बजट और ब्रांडिंग दोनों बढ़ाए गए हैं।
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश को पर्यटन के वैश्विक पटल पर प्रमुख स्थान दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि प्रदेश के प्रमुख पर्यटन और धार्मिक स्थलों को राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिल रही है।
प्रयागराज महाकुंभ को यूनेस्को द्वारा मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता मिलना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इसके साथ ही प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि भी सरकार की पर्यटन नीति की सफलता को दर्शाती है। इसका प्रत्यक्ष प्रभाव 3 जनवरी से शुरू होने जा रहे माघ मेला 2026 में भी दिखाई देगा।
प्रयागराज को ग्लोबल टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की तैयारी
महाकुंभ 2025 की अभूतपूर्व सफलता और रिकॉर्ड संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं व पर्यटकों के अनुभवों को आधार बनाकर प्रयागराज प्रशासन अब शहर को ग्लोबल टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के विस्तृत रोडमैप पर काम कर रहा है।
प्रयागराज की कमिश्नर सौम्या अग्रवाल के अनुसार, महाकुंभ 2025 के दिव्य, भव्य और स्वच्छ आयोजन के बाद प्रयागराज को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिली है। वर्ष 2022 में जहां प्रयागराज में पर्यटकों का फुटफॉल 2.66 करोड़ था, वहीं जनवरी से सितंबर 2025 के बीच यह बढ़कर 68.21 करोड़ तक पहुंच गया है। सरकार इस बढ़ती रुचि को लगातार प्रोत्साहित कर रही है।
माघ मेला 2026: परंपरा से आगे, वैश्विक पहचान की ओर
इस बार का माघ मेला केवल एक पारंपरिक धार्मिक आयोजन नहीं होगा, बल्कि यह भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान के साथ-साथ सुव्यवस्थित प्रशासनिक क्षमता का भी सशक्त प्रदर्शन बनेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं इस आयोजन का संज्ञान लेते हुए अनुमान जताया है कि माघ मेला 2026 में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालु और पर्यटक प्रयागराज पहुंच सकते हैं। यह संख्या अब तक आयोजित सभी माघ मेलों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है। आयोजन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए मेला प्राधिकरण कई अहम कदम उठा रहा है।
विदेशी और घरेलू पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर की गई प्रभावी ब्रांडिंग, डिजिटल प्रचार और महाकुंभ की वैश्विक पहुंच के चलते प्रयागराज आने वाले पर्यटकों की संख्या ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 से सितंबर 2025 के बीच प्रयागराज में 68 करोड़ 21 लाख 50 हजार 860 पर्यटक पहुंचे। इसी सफल रणनीति को आगे बढ़ाते हुए अब माघ मेले की ब्रांडिंग भी उसी स्तर पर की जा रही है। 44 दिनों तक चलने वाले माघ मेला 2026 में 12 से 15 करोड़ लोगों के आने का अनुमान लगाया गया है।
महाकुंभ के बाद माघ मेले की ग्लोबल ब्रांडिंग पर जोर
महाकुंभ की सफल ब्रांडिंग के बाद अब राज्य सरकार माघ मेले की वैश्विक ब्रांडिंग को प्राथमिकता दे रही है। इसी कारण इस बार माघ मेले के बजट में भी बढ़ोतरी की गई है। माघ मेला 2026 के लिए बजट 95 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है, जबकि वर्ष 2024 के माघ मेले का बजट 79.8 करोड़ रुपये था। बढ़े हुए बजट का मुख्य उद्देश्य मेले की बसावट, सजावट और सुविधाओं को और बेहतर बनाना है।
थीम आधारित बसावट और आध्यात्मिक वातावरण होगा विशेष आकर्षण
प्रयागराज की कमिश्नर सौम्या अग्रवाल के अनुसार, माघ मेले की ब्रांडिंग विभिन्न माध्यमों से की जाएगी, जिसका प्रभाव मेले की बसावट और सजावट में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। माघ मेला 2026 की पूरी बसावट इस बार विशेष 7 थीम पर आधारित होगी। टेंट सिटी, घाटों की सजावट, एलईडी लाइटिंग, सांस्कृतिक मंच, थीमेटिक पार्क, स्वागत द्वार, आर्ट इंस्टॉलेशन और सार्वजनिक सुविधाओं तक में आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत की स्पष्ट झलक देखने को मिलेगी।


