जिन सर्किल में ये पैक उपलब्ध है वो हैं- चेन्नई, हरियाणा, ओडिशा, गुजरात, बिहार, तमिलनाडु, यूपी ईस्ट और केरल। आने वाले हफ्तों में कंपनी की ओर से डेटा पैक का विस्तार देश के दूसरे सर्किल में भी होने की उम्मीद है।
टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने यह साफ कर दिया है कि मोबाइल फोन के नंबर 10 डिजिट के ही रहेंगे। 11 डिजिट नंबर का कोई सुझाव नहीं आया, वहीं लैंडलाइन से मोबाइल फोन पर कॉल करते समय मोबाइल नंबर के पहले जीरो लगाना होगा।
कोरोना वायरस महामारी के दौरान ज्यादातर कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम का ऑप्शन अपनाया है। कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में भी यह ट्रेंड बना रहेगा। वर्क फ्रॉम होम के दौरान साइबर क्राइम से बचने के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है।
बिजनेस डेस्क। आधार कार्ड की केवाईसी के जरिए इंस्टेंट पैन कार्ड हासिल करने की सुविधा औपचारिक रूप से गुरुवार को शुरू हुई है, लेकिन इसका बीटा वर्जन फरवरी से ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर मौजूद है। अब आधार के जरिए कुछ ही मिनटों में आप परमानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन कार्ड हासिल कर सकते हैं। इसकी घोषणा 2020-21 के बजट के दौरान हुई थी। ई-पैन कार्ड हासिल करने का यह तरीका बहुत ही आसान है और इसमें ज्यादा समय नहीं लगता। यह काम कोई भी खुद ही कर सकता है।
केरल सरकार ने गरीबों को मुफ्त इंटरनेट सेवा मुहैया कराने के लिए अपने प्रोजेक्ट के बारे में घोषणा कर दी है। इसे इस साल दिसंबर तक शुरू किया जा सकता है।
फाइनेंसियल टाइम्स ने गुरुवार को एक रिपोर्ट में कहा कि वोडाफोन आइडिया कंपनी की करीब 5 प्रतिशत हिस्सेदारी गूगल को बेचने की तैयारी में है। हालांकि रिपोर्ट में इससे जुड़ी डिटेल नहीं दी गई।
दुनिया भर में सबसे पॉपुलर सोशल मीडिया साइट फेसबुक समय-समय पर नए फीचर लाता रहता है। अभी फेसबुक के इंटरनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट ग्रुप NPE टीम ने CatchUp नाम का एक नया ऐप लॉन्च किया है।
मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के जियो प्लेटफॉर्म्स में फेसबुक, केकेआर, सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी और जनरल अटलांटिक ने एक महीने के भीतर 10 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा का निवेश किया है। अब इसमें दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट भी हिस्सेदारी खरीदने जा रही है।
ट्विटर ने राष्ट्रपति ट्रंप के दावे को बेबुनियाद करार देने के लिए सीएनएन, वॉशिंगटन पोस्ट और दूसरे न्यूज़ आउटलेट्स की रिपोर्टों का सहारा लिया है।
नई दिल्ली. अगर आप भी ऑनलाइन डायरेक्टरी ट्रूकॉलर ( Truecaller) का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान हो जाएं। एक साइबर अपराधी ने दावा किया है कि उसके पास 4.75 करोड़ भारतीयों के डाटा का रिकॉर्ड है। इतना ही नहीं अपराधी ने बताया कि उसने यह डाटा ट्रूकॉलर Truecaller से हासिल किया है। उसने यह रिकॉर्ड 75,000 रुपए में बेचने की पेशकश भी की है।