Aaj Ka Panchang: 22 फरवरी, गुरुवार को विश्वकर्मा पूजा की जाएगी। इस दिन पुष्य नक्षत्र होने से शुभ और इसके बाद आश्लेषा नक्षत्र होने से अमृत नाम के 2 शुभ योग रहेंगे। इनके सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, गुरु पुष्य, सौभाग्य और शोभन नाम के 5 योग भी रहेंगे।
Guru Pushay Yog 2023: इस बार 25 मई को गुरु पुष्य का दुर्लभ संयोग बन रहा है। गुरु पुष्य को खरीदी का महामुहूर्त कहते हैं। वैसे तो इस शुभ योग में किसी भी चीज की खरीदी की जा सकती है, लेकिन इसमें सोना खरीदने का विशेष महत्व माना गया है।
Guru Pushya May 2023: ज्योतिष शास्त्र में नक्षत्रों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। इसके अनुसार पुष्य नक्षत्रों का राजा है। ये नक्षत्र अत्यंत शुभ माना गया है। जब ये नक्षत्र गुरुवार को होता है तो बहुत ही शुभ फल प्रदान करता है।
Ganga Saptami 2023: इस बार गंगा सप्तमी का पर्व 27 अप्रैल, गुरुवार को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इसी दिन गंगा नदी की उत्पत्ति हुई थी। इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसके चलते इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है।
Guru Pushya 2022: ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना गया है। जब भी गुरुवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग बनता है तो इसे बहुत ही शुभ माना जाता है। इस बार 25 अगस्त को ये शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन और भी कई शुभ योग होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
देवउठनी एकादशी के बाद इन दिनों पूरे देश में शादियों की धूम है, जिसके चलते बाजार में भी रौनक बनी हुई है। लोग शादियों के लिए हर तरह की खरीदारी कर रहे हैं। इस बार 25 नवंबर, गुरुवार को साल का अंतिम गुरु पुष्य (Guru Pushya 2021) योग बन रहा है।
आज (28 अक्टूबर, गुरुवार) दिन भर गुरु पुष्य का शुभ योग बन रहा है। ये स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन की गई खरीदी और निवेश लंबे समय तक फायदा पहुंचाते हैं। 28 अक्टूबर को सूर्योदय के साथ पुष्य नक्षत्र (Guru Pushya 2021) शुरू हो जाएगा। जो कि अगले दिन सुबह तकरीबन 7.45 तक रहेगा।
इस बार 2 से 6 नवंबर तक पंच दिवसीय दीपोत्सव मनाया जाएगा। खरीदारी में दीपावली से पहले आने वाले पुष्य नक्षत्र का भी विशेष महत्व होता है। इस बार 28 अक्टूबर को गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग दीपावली से छह दिन पहले बन रहा है।
इस बार 28 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र का शुभ योग बन रहा है। इस दिन गुरुवार होने से ये गुरु पुष्य (Guru Pushya 2021) कहलाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरुवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग बहुत ही शुभ माना जाता है। दीपावली (इस बार 4 नवंबर, गुरुवार) के ठीक पहले आने के कारण इस दिन खरीदी का विशेष महत्व है।
ज्योतिष शास्त्र में नक्षत्रों का विशेष महत्व बताया गया है। ये नक्षत्र किसी न किसी रूप में हमारे जीवन पर असर जरूर डालते हैं। इन सभी में पुष्य नक्षत्र का विशेष स्थान है। इसे नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। दीपावली के पहले आने वाला पुष्य नक्षत्र बहुत ही खास होता है।