इन दिनों श्राद्ध पक्ष चल रहा है। श्राद्ध के इन 16 दिनों में पितरों की स्मृति में तर्पण, पिंडदान आदि किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और अपने वशंजों को आशीर्वाद देते हैं। श्राद्ध से जुड़ी कई परंपराएं भी हैं, जिनके बिना श्राद्ध अधूरा माना जाता है। ऐसी ही एक परंपरा है ब्राह्मण भोज की। ये श्राद्ध का अभिन्न अंग है।