सार
आज भारत में राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जा रहा है। आजादी के बाद 75 साल पहले इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई थी। इस दिन का उद्देश्य भारतीय पर्यटन का प्रचार-प्रसार करना है, ताकि टूरिज्म के जरिए रोजगार को बढ़ावा मिल सके और अर्थव्यवस्था को मजबूत हो सके।
ट्रेंडिंग डेस्क : घूमने-फिरने के लिहाज से भारत में एक से बढ़कर एक जगहें हैं। हर साल बड़ी संख्या में सैलानी यहां आते हैं। कई जगहें बेहद पॉपुलर हैं, जबकि कुछ ऐसे टूरिस्ट स्पॉट हैं जो हैं तो बेहद खूबसूरत लेकिन कम ही लोगों को उसके बारें में पता होता है। इन्हीं जगहों के बारें में बताने के लिए हर साल 25 जनवरी को नेशनल टूरिज्म डे (National Tourism Day) मनाते हैं। बता दें कि भारत के रेवेन्यू में टूरिज्म का बड़ा योगदान है। लेकिन क्या आपको पता है कि राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पहली बार कब मनाया गया था और इसकी शुरुआत कैसे हुई थी? आइए जानते हैं नेशनल टूरिज्म का इतिहास..
पहली बार कब मनाया गया था नेशनल टूरिज्म-डे
भारत में हर साल 25 जनवरी को नेशनल टूरिज्म डे मनाया जाता है। पहली बार साल 1948 में इस दिन को मनाया गया था। दरअसल, देश की आजादी के बाद टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन यातायात समिति का गठन किया गया था। तीन साल बाद 1951 में कोलकाता और चेन्नई में पर्यटन दिवस के क्षेत्रीय कार्यालयों में इजाफा देखने को मिला।
नेशनल टूरिज्म डे का क्या महत्व है
भारत में टूरिज्म से हर साल करोड़ों लोगों को रोजगार मिलता है। देश में कई ऐसी जगहें हैं जो बेहद खूबसूरत हैं लेकिन वहां रोजगार का साधन नहीं है। ऐसी जगहों पर आने वाले टूरिस्ट पर ही वहां के लोग निर्भर होते हैं। इसके साथ ही टूरिज्म डे के माध्यम से देश- विदेश तक भारत के खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट, ऐतिहासिक इमारतें और संस्कृति का प्रचार-प्रसार होता है।
इस साल नेशनल टूरिज्म डे की थीम
हर साल नेशनल टूरिज्म डे की अलग-अलग थीम होती है। इस साल 'ग्रामीण और सामुदायिक केंद्रित पर्यटन' थीम रखी गई है। साल 2022 की थीम 'आजादी का अमृत महोत्सव' थी। जबकि 2021 में राष्ट्रीय पर्यटन दिवस की थीम 'देखो अपना देश' रखी गई थी।
इसे भी पढ़ें