सार
भारत भविष्य में अंतरिक्ष में बैक टू बैक कई मिशन लॉन्च करने वाला है। ये सभी स्पेस मिशन न सिर्फ दुनिया को बदलने की क्षमता रखते हैं, बल्कि हिंदुस्तान की ताकत भी दिखाएंगे। चंद्रयान 3 के बाद ISRO 5 अंतरिक्ष मिशन पर काम कर रहा है।
ट्रेंडिंग डेस्क : चंद्रयान-3 ने से चांद की तरफ भारत का कदम बढ़ गया है। 14 जुलाई को लॉन्च यह मिशन (Chandrayaan 3) अपनी मंजिल की ओर पहुंचने वाला है। इसकी सफलता के साथ ही हम चांद को छूने वाले दुनिया के चौथे देश बन जाएंगे। चंद्रयान-3 के बाद अब ISRO देश का पहला सौर मिशन Aditya L1 लॉन्च करने को तैयार है। यह सूर्य की निगरानी करेगा। इसके बाद गगनयान, शुक्रयान जैसे 5 स्पेश मिशन दुनिया में इंडिया को और भी ज्यादा ताकत देंगे। आइए जानते हैं भविष्य में भारत के 5 अंतरिक्ष मिशन के बारें में...
1. सौर मिशन आदित्य L1
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो आदित्य एल-1 लॉन्च करने को तैयार है। देश के इस पहले सौर मिशन से सूर्य का अध्ययन किया जाएगा। खबर है कि इसी साल 26 अगस्त को यह मिशन लॉन्च हो सकता है। अभी इस मिशन के पेलोड एकीकरण और परीक्षण का काम चल रहा है। यह मिशन धरती से तकरीबन 1.5 मिलियन दूर एल-1 कक्षा में लॉन्च होगा, जहां से सूर्य की 24 घंटे निगरानी करेगा।
2. गगनयान
इसरो के आगामी मिशन में गगनयान का नाम भी है। यह चांद पर भारत का पहला मानव मिशन होगा। गगनयान तीन स्पेस मिशन का एक ग्रुप है, जिसमें दो मानव रहित और एक मानव मिशन है। इस पर तेजी से काम हो रहा है। इस मिशन में तीन अंतरिक्ष यात्री चांद पर भेजे जाएंगे, जिसमें एक महिला और दो पुरुष होंगे। गगनयान धरती से 300-400 KM की ऊंचाई पर लो अर्थ ऑर्बिट में धरती का चक्कर लगाएगा। जैसे ही भारत इसे लॉन्च करेगा, अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा, जिनका मानव मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है।
3. शुक्रयान
ISRO शुक्रयान पर भी तेजी से जुटा हुआ है। यह मिशन शुक्र ग्रह को लेकर है, जो इसी साल लॉन्च होना था लेकिन कोरोना के चलते देरी हुई और अब यह अगले साल 2024 में लॉन्च हो सकता है। अगर मिशन में किसी वजह से देरी हुई तो 2026 या 2028 में मिशन लॉन्च हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि हर 19 महीने बाद शुक्र धरती के सबसे नजदीक आते हैं। अगर भारत इस मिशन को पूरा कर लेता है तो वह शुक्र ग्रह पर जाने वाला पहला देश हो जाएगा।
4. मिशन NISAR
ISRO और NASA का संयुक्त मिशन अगले साल श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च होगा। यह सैटेलाइट धरती की लो अर्थ ऑर्बिट में छोड़ा जाएगा। यह सिर्फ 12 दिन में ही पूरी दुनिया का मानचित्र लेगा। इसका वजन 2800 किलोग्राम है और तीन साल तक करेगा। यह उपग्रह सिंथेटिक एपर्चर रडार पर काम करेगा।
5. Xposat मिशन
भारत के भविष्य के अंतरिक्ष मिशन में एक्सपोसैट भी शामिल है। कुछ दिन पहले ही ISRO चेयरमैन एस सोमनाथ ने इसकी जानकारी दी थी। इस मिशन में खगोलीय स्रोतों की गतिशीलता का अध्ययन इसरो करेगा। 2021 में लांच Imaging Xray Polarimetry Explorer के बाद यह दुनिया का दूसरा पोलरिमेट्री मिशन होगा। मतलब ये मिशन ब्लैक होल, न्यूट्रन तारे, आकाशगंगा के नाभिक और दूसरे खगोलीय घटनाओं के बारे में जानकारी देगा।
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