सार
हिंदू नववर्ष का आरंभ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष से होता है। इसी दिन से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) भी शुरू होती है। इन 9 दिनों में और भी कई त्योहार मनाए जाते हैं। गणगौर तीज (Gangaur Teej 2022) भी इनमें से एक है।
उज्जैन. गणगौर तीज चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि पर मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 4 अप्रैल, सोमवार को है। इस दिन माता पार्वती व भगवान शंकर की पूजा करने का विधान है। इन्हें ईसर-गौर भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है (ईश्वर-गौरी)। गणगौर मुख्य रूप से राजस्थान का लोकपर्व है, लेकिन देश के अन्य हिस्सों में भी इसे पूरी श्रृद्धा के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि ये व्रत करने से कुंवारी लड़कियों को मनचाहा पति मिलता है, जबकि विवाहित महिलाएं ये व्रत अखंड सौभाग्य के लिए करती हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो शिव-पार्वती की कृपा बनी रहती है। ये उपाय इस प्रकार हैं…
ये भी पढ़ें- Saubhagya Sundari Vrat 2022: 4 अप्रैल को करें सौभाग्य सुंदरी व्रत, दूर होगी वैवाहिक जीवन की परेशानियां
1. गणगौर तीज पर माता पार्वती को सुहाग की सामग्री जिसमें लाल चुनरी, मेहंदी, बिंदी, कुमकुम, पायल आदि चीजें शामिल हों, अर्पित करें और बाद में इसे किसी ब्राह्मण महिला का दान कर दें। ऐसा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
2. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए गणगौर तीज पर लाल व सफेद आंकड़े के फूल चढ़ाएं और देवी पार्वती को गुलाब का फूल अर्पित करें। साथ में दोनों को मीठा पान भी चढ़ाएं। इससे पति-पत्नी से बीच प्रेम बना रहता है और हर तरह की परेशानी दूर हो जाती है।
ये भी पढ़ें- Gangaur Teej 2022: गणगौर तीज 4 अप्रैल को, इस दिन करें शिव-पार्वती की पूजा, ये है शुभ मुहूर्त और कथा
3. गणगौर तीज पर माता पार्वती को शक्कर का भोग लगाकर उसका दान करने से लंबी उम्र और दूध चढ़ाकर दान करने से सभी प्रकार के दु:खों से मुक्ति मिलती है। मालपूआ चढ़ाकर दान करने से सभी प्रकार की समस्याएं अपने आप ही समाप्त हो जाती हैं।
4. गणगौर तीज पर 7 विवाहित महिलाओं को घर पर भोजन के लिए बुलाएं। उन्हें मनपसंद भोजन करवाएं और कुछ उपहार भी दें। हो सके तो इस दिन अपने घर देवी के भजन भी करवाएं। इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होगा।
5. गणगौर तीज पर देवी पार्वती के मंदिर जाकर पूजा करें और वहीं बैठकर देवी मंत्रों का जाप करें। इन मंत्रों के जाप से आपके जीवन का हर कष्ट दूर हो सकता है।
ये भी पढ़ें
Chaitra Navratri 2022: 10 अप्रैल से पहले करें लाल किताब के ये अचूक उपाय, किस्मत चमकते देर नहीं लगेगी
Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि के दौरान भूलकर भी न करें ये 4 काम, हो सकता है कुछ अशुभ
2 अप्रैल से शुरू होगा विक्रम संवत् 2079, कौन हैं इस वर्ष का राजा और मंत्री, किस ग्रह को मिला है कौन-सा पद?
Chaitra Navratri: झांसी के महाकाली मंदिर में कन्या रूप में होती है देवी की पूजा, 1687 में हुआ था इसका निर्माण