सार
देखने में आता है कि कुछ बच्चे बहुत ही चंचल होते हैं। वे दिन भर इधर-उधर कूदते रहते हैं, जिस वजह से कई बार उन्हें चोट भी लग जाती है। ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार, 12 वर्ष तक के बच्चों पर चंद्रमा के प्रभाव अधिक रहता है, जिसके कारण बच्चों में चंचलता होती है। यदि कुंडली में चंद्रमा की स्थिति अनुकूल न हो तो बच्चों को खेलते समय अक्सर चोट लग जाती है। इस परेशानी से बचने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं।
उज्जैन. चंद्रमा अनुकूल न होने पर बच्चों को खेलते समय चोंट लग जाता है। कुछ आसान उपाय कर चंद्रमा की स्थिति को अनुकूल बनाया जा सकता है। ये उपाय इस प्रकार हैं…
उपाय- 1
यदि आपका बच्चा अधिक चंचल है तो उसके गले में अर्धचन्द्र का लॉकेट पहनाकर रखें। इससे बच्चे की सेहत भी अच्छी रहती है इसके साथ ही बार-बार चोट लगने की संभावना भी कम हो जाती है। इसके अलावा बच्चे को मोती भी पहनाया जा सकता है। इससे चंद्रमा अनुकूल रहता है।
उपाय- 2
हर मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर जाकर चमेली के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे आपके घर में बड़े और बच्चे दोनों का ही दुर्घटनाओं से बचाव होता है। बच्चों को हनुमान जी के मंदिर में जाकर हाथ में मौली बंधवाएं। यह आपके बच्चे के रक्षा कवच की तरह होता है।
उपाय- 3
बच्चों के गले में काला धागा बांधें। इससे उन्हें बुरी नजर नहीं लगेगी। कई बार चंचल बच्चों को दूसरों की नजर लग जाती है, इसलिए भी उन्हें बार-बार चोट लगती रहती है या फिर वो बीमार होते रहते हैं।
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