सार
rinharta ganpati stotra: कई बार व्यक्ति को जरूरी कामों के चलते कर्ज लेना पड़ता है। कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां बनती हैं कि कर्ज चुकाना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में ऋणहर्ता गणपति स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।
उज्जैन. कर्ज लेना कोई नहीं चाहता लेकिन कई बार परिस्थितिवश लेना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे नक्षत्रों के बारे में बताया गया है, जिनमें लिया गया कर्ज आसानी से नहीं चुकता और परेशानी का कारण बन जाता है। कई बार स्थिति काफी विकट हो जाती है। इसका असर हमारे परिवार के लोगों पर भी दिखाई देने लगता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, ऐसी स्थिति में ऋणहर्ता गणपति स्त्रोत (rinharta ganpati stotra) का पाठ करने से आपकी इस समस्या का निदान हो सकता है। इस स्त्रोत का पाठ अगर गणेश उत्सव (Ganesh Utsav 2022) के दौरान किया जाए तो और भी जल्दी शुभ फल मिलते हैं। प्रत्येक बुधवार को भी इसका पाठ करना शुभ रहता है। आगे जानिए ऋणहर्ता गणपति स्त्रोत का पाठ कैसे करें…
ध्यान
ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम्।
ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम्।।
।।मूल-पाठ।।
सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजित: फल-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।1
त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।2
हिरण्य-कश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।3
महिषस्य वधे देव्या गण-नाथ: प्रपुजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।4
तारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।5
भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।6
शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायक:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।7
पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।8
इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,
एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहित:।
दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत्।।
कैसे करें ऋणहर्ता गणपति स्त्रोत का पाठ?
- गणेश चतुर्थी के दौरान किसी भी दिन सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान श्रीगणेश की पूजा करें। चावल, अबीर, गुलाल आदि चीजें चढ़ाएं।
- इसके बाद भगवान श्रीगणेश को दूर्वा चढ़ाएं और लड्डुओं का भोग लगाएं। शुद्ध घी का दीपक जलाकर ऋणहर्ता गणपति स्त्रोत का मन ही मन पाठ करें।
- कम से कम 5 बार ये पाठ करें। प्रत्येक बुधवार को इस विधि से इस स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। इस तरह ऋणहर्ता गणपति स्त्रोत का पाठ करने से आपकी कर्ज से संबंधित समस्याएं दूर हो सकती हैं।
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