सार

ज्योतिष शास्त्र में कई तरह के शुभ-अशुभ योगों के बारे में बताया गया है। ऐसा ही एक अशुभ योग है अल्पायु योग। जिन लोगों की कुंडली में ये योग होता है, उनका जीवन कम होता है यानी वे कम उम्र में ही किसी न किसी कारण मारे जाते हैं।

उज्जैन. जीवन के किस पड़ाव यानी उम्र में आप पर गंभीर संकट आ सकता है। इसके बारे में भी जन्म कुंडली देखकर जान सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में अल्पायु योग के निदान के कई उपाय भी बताए गए हैं। ये उपाय करने से अल्पायु की योग की गंभीरता को कुछ कम किया जा सकता है। ये उपाय इस प्रकार हैं…

1. जिस व्यक्ति की कुंडली में अल्पायु योग हो, उसे रोज हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए और हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए।
2. अल्पायु योग के निदान हेतु गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र पढ़कर उसे सिद्ध कर लेना चाहिए। प्रतिदिन 10 माला का जाप करें और शिवजी को जलाभिषेक करें।
3. प्रतिदिन गाय, कुत्ते, कौवे या पक्षियों को भोजन कराते रहें और प्रतिदिन पीपल के वृक्ष की तीन परिक्रमा करें।
4. अल्पायु योग में गुरुवार, सोमवार और एकादशी का विधिवत रूप से व्रत रखना चाहिए, क्योंकि गुरु ही आयु प्रदान करने वाला होता है।
5. कुंडली के मुख्य ग्रहों को मजबूत करने के उपाय करना चाहिए। शनि, राहु, केतु के उपाय के साथ ही षष्ठम, अष्टम और द्वादश भाव व ग्रहों के उपाय करना चाहिए।
6. घर के वास्तु को ठीक कराना चाहिए और आग्नेय, दक्षिण और नैऋत्य मुखी मकान में नहीं रहना चाहिए।
7. अल्पायु योग से बचने हेतु शास्त्रों का अध्ययन करना चाहिए या किसी पंडित, ज्योतिष आदि से उपाय पूछकर वे उपाय करते रहना चाहिए।

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