सार

Naukari Ke Upay: कई बार देखने में आता है कि योग्य होने के बाद भी किसी को नौकरी नही मिल पाती। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे ग्रहों का दोष या किस्मत का साथ न देना। कुछ आसान उपाय कर इन दोषों को दूर किया जा सकता है।
 

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में हर तरह की समस्या का समाधान बताया गया है। वर्तमान में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। ऐसा भी होता है कि योग्य होने पर भी किसी को नौकरी (Naukari Ke Upay) नहीं मिल पाती। इसके पीछे ग्रहों का दोष भी एक कारण हो सकता है। जब ग्रह विपरीत स्थिति में होते हैं तो योग्य होने पर भी सही परिणाम नहीं मिल पाते। (Remedy For Job) ज्योतिष शास्त्र के कुछ आसान उपायों से इन दोषों को दूर किया जा सकता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, कुछ आसान उपाय आपकी बेरोजगारी की समस्या दूर कर सकते हैं। आगे जानिए कुछ ऐसे ही उपायों के बारे में… 

उपाय 1
अगर आप काफी समय से बेरोजगार हैं और योग्य होने पर भी आपको नौकरी नहीं मिल रही है तो प्रत्येक मंगलवार को नजदीक स्थिति किसी हनुमानजी के मंदिर में जाएं और वहां जाकर साफ-सफाई करें। इसके बाद शुद्ध का दीपक जलाएं और हनुमान चालीस का 7 बार पाठ करें। इसके बाद हनुमानजी को घर में बने देशी घी के चूरमे का भोग लगाएं। ऐसा तब तक करें, जब तक आपकी परेशानी दूर नहीं हो सकती है।

उपाय 2
मनचाही नौकरी के लिए प्रतिदिन सुबह स्नान करने के बाद आसन पर बैठकर लाल चंदन की या मूंगा की माला से नीचे लिखी चौपाई का पाठ कम से कम 5 माला करें। 1 माला यानी 108 बार। चौपाई का जाप शुरू करने के पहले धूप बत्ती या अगर बत्ती जलाकर भगवान का ध्यान जरूर करें। ये है चौपाई-
कवन सो काज कठिन जग माही।
जो नहीं होय तात तुम पाहिं।।

उपाय 3
सरकारी नौकरी में सफलता पाने के लिए सूर्य का शुभ फल प्रदान करना जरूरी होता है। इसके लिए रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद सूर्य देव को तांबे के लोटे में पानी लेकर अर्घ्य दें और प्रत्येक रविवार को बिना नमक का भोजन करें। इससे सूर्यदेव के शुभ प्रभाव प्राप्त होता है और नौकरी में सफलता के योग बनते हैं।

उपाय 4
नौकरी के लिए इंटरव्यू पर जाने से पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा करें साबूत हल्दी चढ़ाएं। इसके बाद नीचे लिखा मंत्र कम से कम 5 बार बोलें। घर से निकलते समय ये हल्दी का टुकड़ा एक साफ कपड़े में लपेटकर अपनी जेब में रख लें। इस छोटे से उपाय से आपकी कामना पूरी हो सकती है। ये है वो मंत्र-
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। 
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।