सार
आज (8 अगस्त, सोमवार) श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि (Putrada Ekadashi 2022) है। इस दिन पुत्रदा एकादशी का व्रत किया जाएगा। साथ ही इस दिन सावन का अंतिम सोमवार (Last Monday of Sawan 2022) भी है।
उज्जैन. ऐसा मौका बहुत कम बार आता है जब भगवान शिव और विष्णु की पूजा का संयोग एक ही दिन बनता है। इस बार ये संयोग 8 अगस्त को बन रहा है। सावन का अंतिम सोमवार होने से इस दिन शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी वहीं विष्णु भक्त आज एकादशी का उपवास करेंगे। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस शुभ तिथि में यदि कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो हर परेशानी दूर हो सकती है, साथ ही धन लाभ के योग भी बन सकते हैं। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…
शिवजी और भगवान विष्णु की संयुक्त रूप से पूजा करें
8 अगस्त को शिवजी और भगवान विष्णु की पूजा का शुभ योग एक ही दिन बन रहा है। इस दिन दोनों देवताओं की पूजा एक ही स्थान पर बैठकर करें। शिवजी और भगवान विष्णु के चित्रों या प्रतिमाओं को एक स्थान पर स्थापित कर दोनों की षोडशोपचार (16 सामग्री) से पूजा करें। अंत में दोनों देवताओं को भोग लगाकर आरती करें। ऐसा करने से दोनों देवताओं की कृपा हम पर बनी रहेगी।
अपनी इच्छा अनुसार दान करें
सावन के अंतिम सोमवार और पुत्रदा एकादशी के शुभ योग में अपनी इच्छा अनुसार गरीबों को दान करें। भूखों को भोजन करवाएं, कच्चा अनाज भी दान करें। किसी मंदिर के अन्नक्षेत्र में अपनी इच्छा अनुसार, अनाज, तेल, मसाले आदि चीजों का दान करें। कुष्ठ रोगियों को जूते-चप्पल का दान करें। इन चीजों का दान करने से आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।
देवी लक्ष्मी को लगाएं खीर का भोग
अगर आप धन की इच्छा रखते हैं तो 8 अगस्त को शुभ योग में शाम के समय देवी लक्ष्मी की पूजा करें। साथ ही गाय के दूध की खीर बनाकर भोग लगाएं। बाद में इसे परिवार वालों के साथ मिल-बांटकर खाएं। चावल शुक्र का अन्न है जो जीवन में धन-संपत्ति का कारक है। इससे बनी खीर का भोग देवी लक्ष्मी को लगाने से धन लाभ के योग बनते हैं
मंदिर में ध्वज लगवाएं
सावन के अंतिम सोमवार और पुत्रदा एकादशी के शुभ योग में भगवान विष्णु और शिवजी के मंदिरों में केसरिया ध्वज लगवाएं। अगर ऐसा न कर पाएं तो इन ध्वजों को मंदिर के पुजारी को सौंप दें। ताकि बाद में जब भी मौका आए तो पुजारी जी इन ध्वजों का मंदिर के शिखर पर लगवा सकें।
मंत्रों का जाप करें
शुभ फल पाने के लिए सावन के अंतिम सोमवार और पुत्रदा एकादशी के शुभ योग में शिवजी और भगवान विष्णु दोनों के मंत्रों का जाप करें। इसके लिए किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह लें और अपनी शक्ति के अनुसार मंत्र जाप करें।
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