सार
वैवाहिक जीवन में कोई समस्या है तो इसके लिए भगवान शिव और माता गौरी की आराधना करनी चाहिए। इसके लिए सावन (Sawan) का महीना बहुत ही उपयुक्त समय है। इन दिनों सावन (Sawan) मास चल रहा है जो 22 अगस्त तक रहेगा। ये महीना शिवजी की कृपा पाने के लिए बहुत ही उत्तम है। महादेव को प्रसन्न करने के लिए इस महीने में कई तरह के उपाय किए जाते हैं। ऐसा ही एक आसान उपाय है गौरी-शंकर रुद्राक्ष धारण करना।
उज्जैन. ये पूरा महीना महादेव और माता पार्वती को समर्पित होता है। इस महीने में गौरी-शंकर रुद्राक्ष (Rudraksha) धारण करने से वैवाहिक जीवन की परेशानियों के साथ ही अन्य समस्याओं का अंत भी हो जाता है। आगे जानिए गौरी-शंकर रुद्राक्ष से जुड़ी खास बातें…
गौरी-शंकर रुद्राक्ष (Rudraksha) के फायदे
1. कहा जाता है कि जिन लोगों का दांपत्य जीवन ठीक नहीं चल रहा है या जिन युवक-युवतियों के विवाह में देरी हो रही है, उन्हें गौरी उन्हें गौरी-शंकर रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए।
2. इसके अलावा ये रुद्राक्ष वंश वृद्धि कराने में भी सहायक माना जाता है। ऐसे में जिन लोगों को किसी कारणवश संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो पा रही, उनके लिए भी गौरी-शंकर रुद्राक्ष काफी प्रभावशाली माना जाता है।
3. मान्यता है कि जिस घर में गौरी-शंकर रुद्राक्ष होता है, वहां बुरी शक्तियों का साया भी नहीं पहुंच पाता। जादू टोना और बुरी नजर का असर नहीं होता।
4. परिवार से नकारात्मक शक्तियां और बीमारियां दूर हो जाती हैं। ये रुद्राक्ष धारण करने वाले पति और पत्नी के बीच आपसी प्रेम बढ़ता है और परिवार में सुख शांति आती है।
5. यदि इस रुद्राक्ष को अभिमंत्रित करके तिजोरी में रखा जाए तो परिवार में कभी आर्थिक संकटों का सामना नहीं करना पड़ता।
6. यदि आपका रुझान अध्यात्म की ओर है तो आपको इस रुद्राक्ष को चांदी की चेन में धारण करना चाहिए।
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