सार
श्राद्ध पक्ष (Shradh Paksha 2021) में विभिन्न तिथियों के साथ नक्षत्रों के होने से कई शुभ योग बनते हैं। इन शुभ योगों में पितृ कार्य यानी तर्पण, पिंडदान आदि करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ऐसा ही शुभ योग इस बार 1 सितंबर, शुक्रवार को पुष्य नक्षत्र के होने से बन रहा है।
उज्जैन. ज्योतिषियों के अनुसार, पुष्य नक्षत्र 30 सितंबर की रात से शुरू होकर 1 अक्टूबर की रात तक रहेगा। यह नक्षत्र 25 घंटे 25 मिनट रहेगा। 1 सितंबर, शुक्रवार को पूरे दिन पुष्य नक्षत्र होने से इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध, दान करने का विशेष महत्व होता है। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं। साथ ही खरीदारी के लिए भी यह शुभ समय होता है।
पितरों की मुक्ति के लिए करें ये उपाय
1. शुक्र पुष्य (Shukra Pushya 2021) के शुभ योग में पितरों के लिए जरूरतमंद लोगों को वस्त्र, भोजन आदि चीजों का दान करें। गाय को चारा खिलाएं और किसी गौशाला में आर्थिक मदद करें।
2. वेदपाठी ब्राह्मण को घर बुलाकर भोजन करवाएं और दान-दक्षिणा देकर ससम्मान विदा करें।
3. शुक्रवार की रात पीपल के पेड़ के नीचे सात दीपक प्रज्जवलित करें। वहीं बैठकर विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें और चुपचाप अपने घर चले आएं। इससे पितृ दोष (Shradh Paksha 2021) भी कम होगा और आर्थिक समस्याओं का निदान होगा।
4. अगर परिवार में किसी सुहागिन महिला की मृत्यु हुई है तो इस दिन किसी विवाहित महिला को सुहाग की सामग्री भेंट करें। अगर महिला ब्राह्मण हो तो और भी अच्छा रहता है।
खरीदारी के लिए भी शुभ है ये नक्षत्र
पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। खरीदारी करने के लिए पुष्य नक्षत्र सर्वश्रेष्ठ होता है। इसमें की गई खरीदारी स्थायी होती है। विशेष भूमि, भवन, आभूषण आदि खरीदना सबसे शुभ होता है। शुक्रवार को पूरे दिन पुष्य नक्षत्र होने से खरीदारी के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। कुछ लोग मानते हैं कि श्राद्ध पक्ष में खरीदारी नहीं करनी चाहिए, ये एक गलत धारण है। श्राद्ध पक्ष में खरीदी करने से पितृों की कृपा भी हम पर बनी रहती है।
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