सार
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। इस तिथि को व्रतों का राजा भी कहा जाता है । प्रत्येक एकादशी का अपना एक अलग महत्व होता है। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 26 अप्रैल, मंगलवार को है।
उज्जैन. वरुथिनी एकादशी की कथा भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को सुनाई थी। धर्म ग्रंथों के अनुसार, यह एकादशी सौभाग्य बढ़ाने वाली और सभी पापों को नष्ट करने वाली है। श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी के अनुसार, वरुथिनी एकादशी पर कुछ विशेष बातों का ध्यान रखा जाए तो हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है। आगे जानिए इस एकादशी के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और इस दिन कौन-से काम नहीं करने चाहिए आदि संपूर्ण जानकारी…
वरुथिनी एकादशी मुहूर्त (Varuthini Ekadashi 2022 Muhurat)
ज्योतिषियों के अनुसार वरुथिनी एकादशी तिथि 25 अप्रैल, सोमवार की रात 01.36 मिनट पर शुरू हो चुकी है, जो 26 अप्रैल, मंगलवार की रात 12.46 तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार एकादशी तिथि का व्रत 26 अप्रैल, मंगलवार के दिन रखा जाना श्रेष्ठ रहेगा। व्रत का पारणा 27 अप्रैल, बुधवार को करें।
इस विधि से करें वरुथिनी एकादशी का व्रत (Varuthini Ekadashi 2022 Puja Vidhi)
मंगलवार सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें। संकल्प ले बाद भगवान विष्णु की की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं। पूजा में ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। फूल, धूप, भोग आदि सामग्री चढ़ाएं। दीपक जलाएं। विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें। एकादशी व्रत कथा सुनें। द्वादशी पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
इस दिन दान का है विशेष महत्व
श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी के अनुसार, वरुथिनी एकादशी पर दान करने का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन हाथी का दान घोड़े के दान से श्रेष्ठ है। हाथी के दान से भूमि दान, भूमि के दान से तिलों का दान, तिलों के दान से स्वर्ण का दान तथा स्वर्ण के दान से अन्न का दान श्रेष्ठ है। अन्न दान के बराबर कोई दान नहीं है। अन्नदान से देवता, पितर और मनुष्य तीनों तृप्त हो जाते हैं। शास्त्रों में इसको कन्यादान के बराबर माना है।
वरुथिनी एकादशी पर ये काम न करें
1. वरुथिनी एकादशी पर काँसे के बर्तन में भोजन न करें।
2. माँस, शराब, मसूर की दाल, चने का शाक और शहद ये चीजें न खाएं।
3. वरुथिनी एकादशी पर दो समय भोजन न करें यानी एक ही समय भोजन करें
4. इस दिन स्त्री प्रसंग से दूर रहें
5. इस दिन दिन पान न खाएं, दूसरे की निंदा और चुगली भी न करें
6. इस दिन क्रोध करने से बचें, किसी से झूठ न बोलें।
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