सार
Shraddh Paksha 2022: श्राद्ध पक्ष के दौरान सभी लोग अपने-अपन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान आदि करते हैं। मान्यता है कि इस दौरान पितृ देवता आकाश से धरती पर अपने वंशजों के घर उन्हें आशीर्वाद देने आते हैं।
उज्जैन. श्राद्ध (Shraddh Paksha 2022) करते समय सभी लोग अपने पितरों की तस्वीर पूजा स्थान पर रखते हैं और फूल माला पहनाते हैं, तिलक भी लगाते हैं। पितृों की तस्वीर को लेकर भी हमारे धर्म ग्रंथों में कई बातें बताई गई हैं, जैसे इन्हें किस दिशा में लगाना चाहिए और कहां रखना चाहिए-कहां नहीं? कई बार जानकारी के अभाव में पितरों की तस्वीर गलत स्थान पर रखने से इसका अशुभ परिणाम में भी हमें भुगतने पड़ सकते हैं। श्राद्ध पक्ष के मौके पर हम आपको बता रहे हैं पितरों की तस्वीर कहां लगाना चाहिए और कहां नहीं…
मंदिर में न रखें पितरों की तस्वीर
लगभग हर हिंदू घर में एक छोटा सा मंदिर जरूर होता है। कुछ लोग अपने पितरों की तस्वीर भी देवी-देवताओं के साथ इस मंदिर में रख देते हैं। ऐसा करना ठीक नहीं माना जाता। वास्तु में भी ऐसा करने की मनाही है। मंदिर में पितरों की तस्वीर रखने से इसके अशुभ परिणाम निकट भविष्य में देखने को मिल सकते हैं। इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए।
इस दिशा में लगाएं पितरों की तस्वीर
अगर घर में पूजा-पाठ ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में होती है तो पितरों की तस्वीर को पूर्व में रखना चाहिए। अगर पूजा-पाठ पूर्व दिशा में करते हं तो पितरों की तस्वीर ईशान कोण में लगानी चाहिए। घर के उत्तरी हिस्से में कमरों में या फिर जिस भी कमरे में आप तस्वीर लगाना चाहते हैं, वहां की उत्तर दिशा की दीवार पर पितरों की तस्वीर लगाना शुभ होता है। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद हम पर बना रहता है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
इस दिशा में न लगाएं पितरों की तस्वीर
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के नैत्रत्य कोण यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा में पितरों की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करना घर की तरक्की के लिए अच्छा नहीं माना जाता। इसके अलावा घर की पश्चिम या दक्षिण दिशा में भी पितरों की तस्वीर लगाने की मनाही होती है। यहां तस्वीर लगाने से घर की संपति को हानि पहुंच सकती है। घर के ब्रह्म स्थान में भी पितरों की तस्वीर लगाने से बचना चाहिए। इस जगह पितरों की तस्वीर लगाने से मान-सम्मान में कमी आ सकती है।
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