सार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मंगलवार को हुई बैठक के दौरान अफसरों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होने कहा कि भूमिगत जल रीचार्ज और बेहतर हो सके, इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में तालाबों की खुदाई व पुनरुद्धार का कार्य कराया जाए।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में तेजी के साथ बढ़ रही गर्मी के बीच ग्रामीण इलाकों में पानी की समस्याएं भी बढ़ती दिखाई दे रही हैं। ऐसी समस्याओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मंगलवार को हुई बैठक के दौरान अफसरों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होने कहा कि भूमिगत जल रीचार्ज और बेहतर हो सके, इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में तालाबों की खुदाई व पुनरुद्धार का कार्य कराया जाए।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हो तालाबों की खुदाई का काम- सीएम योगी
मंगलवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने टीम 9 की बैठक के दौरान सभी विभागीय अफसरों को कडे़ निर्देश जारी किए। उन्होने कहा कि आगामी 18 से 23 अप्रैल के दौरान आयोजित किए जाने वाले इन मेलों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाए। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 75-75 तालाबों की खुदाई व पुनरुद्धार का कार्य कराया जाए, इससे भूमिगत जल रीचार्ज और बेहतर हो सकेगा।
जल्द से जल्द तालाबों का चिन्हीकरण करने के दिए निर्देश
सीएम योगी ने एक तरफ प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 75-75 तालाबों की खुदाई व पुनरुद्धार का कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। वहीं, दूसरी तरफ उन्होने अफसरों को इस काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होने कहा कि जल्द से जल्द तालाबों का चिन्हीकरण करते हुए आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रदेश के सभी विकास खंडों में विशेष स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया जाए।
अस्पतालों में फायर सेफ्टी व्यवस्था की हो समीक्षा
सीएम योगी ने बीते दिनों देश के अलग-अलग राज्यों के अस्पतालों से सामने आईं आग लगने जैसी घटनाओं को लेकर भी सख्ती के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल के दौरान देश के कुछ राज्यों में अस्पतालों में आग लगने की दुःखद घटना घटी। राज्य सरकार की चाक-चौबंद व्यवस्थाओं का ही परिणाम था कि प्रदेश में ऐसी दुर्घटना नहीं हुई। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों में फायर सेफ्टी की व्यवस्था की भौतिक समीक्षा की जाए। जहां कमी/गड़बड़ी हो, वहां तत्काल व्यवस्था ठीक की जाए। यह कार्य अभियान के रूप में तत्काल किया जाना चाहिए।
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