सार
बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे और सपा के विधायक अब्बास अंसारी को हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने FIR रद्द किए जाने और गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने की अब्बास अंसारी की अर्जी को खारिज किया है।
लखनऊ: बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे और समाजवादी पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी को बड़ा झटका लगा है। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ बयान देने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने FIR रद्द किए जाने और गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने की अब्बास अंसारी के अर्जी को खारिज किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस साधना रानी ठाकुर की डिवीजन बेंच ने पुलिस द्वारा चार्जशीट लगाए जाने के बाद अब्बास अंसारी की अर्जी को खारिज कर दिया है। बता दें कि अब अब्बास अंसारी की गिरफ्तारी को लेकर अब अदालत की रोक नहीं है।
अब्बास अंसारी ने कही थी ये बात
विधानसभा चुनाव के दौरान अब्बास अंसारी ने विवादित बयान दिया था। अब्बास अंसारी ने कहा था, "विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अधिकारियों को 6 महीने तक हटाया नहीं जाएगा। पहले उनसे हिसाब लिया जाएगा। इस मामले में अखिलेश भैया (सपा नेता अखिलेश यादव) से बात भी हो चुकी है।" इसके बाद अब्बास अंसारी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। अब्बास अंसारी ने कहा था कि 'यह आपराधिक मामला नहीं है. इस मामले में चुनाव आयोग उनके खिलाफ पहले ही कार्रवाई कर चुका है'।
चुनाव आयोग कर चुका है कार्रवाई
मऊ सदर के विधायक अब्बास अंसारी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनकी ओर से कहा गया था कि "यह आपराधिक मामला नहीं है। इस मामले में चुनाव आयोग उनके खिलाफ पहले ही कार्यवाही कर चुका है। चुनाव आयोग ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ प्रत्याशी पर 24 घंटे चुनाव प्रचार करने पर पाबंदी लगाई थी, जिसका आदेश का पालन चुके हैं। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ बयान देने के मामले में एफआईआर रद्द किए जाने और गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने की मांग वाली अब्बास अंसारी की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस साधना रानी ठाकुर की डिवीजन बेंच ने याचिका खारिज कर दी है।