समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दूध और दही पर जीएसटी लगाने के फैसले का विरोध करते हुए निशाना साधा। उन्होंने सवाल पूछा है कि क्या अब दूध और दही से जुड़े मुहावरों पर भी जीएसटी देना पड़ेगा। 

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने दूध, दही और छाछ पर जीएसटी लगाने के फैसले का विरोध करते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया है। इसी के साथ सवाल किया है कि क्या अब मुहावरे और लोकोक्ति पर भी जनता को जीएसटी देना पड़ेगा? 

'कृष्ण भक्तों की दी है चोट'
अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि, 'जन्माष्टमी के ठीक एक महीने पहले भाजपा सरकार ने दूध, दही, छाछ पर GST लगाकर जो चोट कृष्ण भक्तों को दी है, उससे आहत होकर हर एक भोला कृष्ण भक्त पूछ रहा है कि क्या अब दूध का जला, छाछ को भी… दूध का दूध…दूधो नहाओ…दही जमना जैसे लोकोक्ति-मुहावरों पर भी GST देना पड़ेगा?' अखिलेश के इस ट्वीट पर लोगों की जमकर प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है। ज्यादातर लोग जीएसटी लगाने के फैसले का विरोध करते नजर आ रहे हैं। ज्ञात हो कि इससे पहले 18 जुलाई को भी अखिलेश यादव ने ट्वीट कर हमला बोला था। उन्होंने लिखा था कि, 'आज से आटा, दही, पनीर से लेकर ब्लेड, शार्पनर, एलईडी, इलाज, सफ़र सब पर GST की जो मार आम जनता पर पड़ी है उससे दुखी होकर GST का एक नया भाव-अर्थ सामने आया है… ‘गयी सारी तनख़्वाह'' 

Scroll to load tweet…

फैसले के बाद बिगड़ा किचन का बजट
आपको बता दें कि जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक में लिए गए फैसले के बाद रोजमर्रा की कई जरूरी चीजों की कीमत बढ़ गई है। इसके तहत ही आम आदमी के किचन का बजट भी बिगड़ गया है। जीएसटी की दरें बढ़ने से दूध, दही, लस्सी, छाछ समेत अन्य चीजे भी महंगी हुई हैं। पहले इन चीजों पर कोई भी जीएसटी नहीं लगता था। हालांकि अब पैकिंग और लेवल वाले आटा, गेंहू, चावल पर भी जीएसटी लगेगा। इसकी वजह से रोजमर्रा की जरूरी चीजों के दाम बढ़ जाएंगे। इस फैसले को लेकर ही विपक्षी दल के नेताओं की नाराजगी देखने को मिल रही है। विपक्षी दल के नेता खुलकर इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। 

दिनेश खटीक के पत्र ने सच्चाई से उठाया पर्दा, सिर्फ नाम के बनाए गए कई राज्यमंत्री, अभी तक नहीं हुए हैं ये काम