सार
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मंगलवार से प्रदेशभर में विजयरथ यात्रा (Vijay Rath Yatra) की शुरुआत कर दी। वे कानपुर से सीधे हमीरपुर (Hamirpur) जिले पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि गठबंधन (Alliance) परिस्थितियों के हिसाब से किए जाते हैं। पहले के चुनावों में बड़े दलों के साथ गठबंधन का अनुभव अच्छा नहीं रहा है, इसलिए अब हमारी पार्टी बीजेपी (BJP) को हराने के लिए छोटे दलों को गठबंधन में लाने की कोशिश करेगी।
हमीरपुर। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) से पहले राजनीतिक दलों ने मोर्चेबंदी शुरू कर दी है। मंगलवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने कानपुर से प्रदेशभर में विजय रथ यात्रा (Vijay Rath Yatra) की शुरुआत की। शाम को रथ यात्रा हमीरपुर जिले में पहुंची। यहां सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने गठबंधन (Alliance) को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि परिस्थितियों के हिसाब से गठबंधन किए जाते हैं। पहले के चुनावों में बड़े दलों के साथ गठबंधन का अनुभव अच्छा नहीं रहा है, इसलिए अब हमारी पार्टी बीजेपी (BJP) को हराने के लिए छोटे दलों को गठबंधन में लाने की कोशिश करेगी।
अखिलेश का कहना था कि भाजपा लगातार झूठ बोलने वाली पार्टी है। उनका झूठ जनता समझ चुकी है। भाजपा ने 2017 के चुनाव में जो संकल्प पत्र जारी किया था, उसके वादे पूरे नहीं किए हैं। इस सरकार ने बिजली का उत्पादन एक भी यूनिट नहीं बढ़ाया है, उल्टे बिजली का बिल बढ़ा दिया है। योगी आदित्यनाथ की सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। जनता का मूड उनके खिलाफ हो गया है। भाजपा वाले अपने कोई काम जनता को नहीं बता पाए, लेकिन वे सपा सरकार में किए गए विकास कार्यों की जानकारी जनता को देंगे।
विजय रथ यात्रा को जनता का समर्थन
अखिलेश ने कहा कि कानपुर से विजय यात्रा शुरू हो गई है। इस यात्रा के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा आएगी। सपा कार्यकर्ता पूरे जोश में हैं और इस यात्रा में जनता का पूरा समर्थन दिख रहा है। अखिलेश ने विजय रथ की बस की छत में चढ़कर कार्यकर्ताओं का अभिवादन स्वीकार किया। इधर, नेताओं ने होर्डिंग्सों से यमुना पुल से लेकर कुरारा कस्बे तक पूरे रास्ते को पाट दिया है।
पार्टी कार्यालय जाने का कार्यक्रम निरस्त किया
अखिलेश से मिलने के लिए नेताओं की लाइन लगी रही। जिला कार्यालय में जाने का कार्यक्रम था, जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का सूची में नाम नहीं होने पर सुरक्षा में तैनात पुलिस ने उन्हें घुसने नहीं दिया। बाद में ज्यादा भीड़ होने के चलते राष्ट्रीय अध्यक्ष कार्यालय जाने के बजाय सीधे डाक बंगले पहुंच गए। उन्होंने मोबाइल के जरिए कार्यालय का लोकार्पण किया।