सार

वाराणसी कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल पड़ोसी को फंसाने के लिए आरोपी ने योजना बनाई थी। आरोपी युवक साल 2017 में पड़ोसी को फंसाने के लिए खुद के अपहरण की भी योजना बना चुका है।

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर बीते दिनों कॉल कर वाराणसी सिविल कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। आधी रात को आए एक फोन कॉल के बाद हड़कंप मच गया। आनन-फानन में मामले को लेकर वाराणसी कमिश्नरेट को सूचना दी गई। पुलिस ने कोर्ट को धमकी देने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस की गिरफ्त में आया आरोपी मोनू सोनकर शहर के फुलवरिया क्षेत्र के पहलू का पुरा रहने वाला है।

सीएम योगी के दौरे से पहले सभा स्थल को उड़ाने की मिली थी धमकी
आरोपी मोनू सोनकर ने पड़ोसी से पुराने विवाद की रंजिश में उसकी बेटी का मोबाइल चुराया था और उसके बाद सीएम आवास के साथ ही वाराणसी के एसपी ग्रामीण के सरकारी आवास के लैंड लाइन और इंस्पेक्टर कैंट के सरकारी मोबाइल नंबर पर भी फोन किया था। दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शनिवार यानी 1 अक्टूबर को वाराणसी का दौरा था और इससे पहले 30 सितंबर को पुलिस के पास कॉल आई कि कल वाराणसी स्थित सीएम योगी आदित्यनाथ के सभा स्थल और सिविल कोर्ट में बम धमाका होगा। इतना ही नहीं कॉल करने वाले आरोपी ने पुलिस से जमकर गाली गलौज भी किया।

सर्विलांस की मदद से क्राइम ब्रांच समेत पुलिस ने निकाला नंबर
पुलिस ने सर्विलांस की मदद से क्राइम ब्रांच और कैंट थाने की पुलिस ने मोबाइल नंबर के जरिए उस शख्स का नाम और पता निकला। जिसके बाद पता चला कि जिस नंबर से कॉल आई थी वह शहर के फुलवरिया के पहलू का पुरा क्षेत्र में रहता है। पुलिस वहां पहुंची तो उसने बताया कि मोबाइल उसकी बेटी का है। 30 सितंबर की शाम ही वह मोबाइल गायब हो गया था और उसकी सब्जी की दुकान लगाकर परिवार को भरण-पोषण करता है। इस दौरान उसने पुलिस को बताया कि उसके पड़ोसी के शातिर बेटे मोनू ने उसे फंसाने के लिए उसका मोबाइल चुराकर धमकी भरा कॉल किया है।

आरोपी ने 2017 में पड़ोसी को फंसाने के लिए रची थी झूठी कहानी
इसके बाद पुलिस ने मोनू को पकड़कर पूछताछ शुरू की तो पता चला कि साल 2017 में वह खुद के अपहरण की साजिश रची थी, जिसके बाद पड़ोसी पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इस दौरान मोनू बिहार से बरामद हुआ था। इस मामले में पुलिस की जांच में सामने आया था कि पड़ोसी व उसके परिवार के लोगों को फंसाने के लिए उसने अपहरण की झूठी कहानी रची थी। इसी रंजिश में एक बार फिर उसने अपने पड़ोसी को फंसाने के लिए बेटी के मोबाइल को चुराकर बम ब्लास्ट की धमकी दी। जब मामला तूल पकड़ने लगा तो उसने पड़ोसा का मोबाइल उसी की छत पर फेंक दिया। इस पूरे प्रकरण को लेकर एसपी पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश का कहना है कि जांच के बाद वास्तविक आरोपी को पकड़ लिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की उचित धाराओं में कार्रवाई करते हुए उसे जेल भेजा जाएगा।

आधी रात को सीएम आवास पर आया फोन, वाराणसी कोर्ट परिसर को बम से उड़ाने की दी गई धमकी