सार

भाजपाइयों ने पुलिस की मौजूदगी में सपा नेता फतेह बहादुर सिंह गिल और महिलाओं के साथ जमकर मारपीट की। इस मारपीट में सपा नेता फतेह बहादुर सिंह की पगड़ी भी खुल गई। साथ ही सपा नेता फतेह बहादुर सिंह गिल और 4 महिलाएं घायल हो गई। जिन्हें पुलिस ने मेडिकल परीक्षण के लिए काशीराम ट्रामा सेंटर भेज दिया। 

कानपुर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भाजपा (BJP) के सत्ता में आने के बाद पार्टी से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं की दबंगई से जुड़े अनेकों मामले सामने आते रहते हैं। इसी से जुड़ा एक मामला यूपी के कानपुर (Kanpur) से सामने आया, जहां जमीन का कब्जा लेने पहुंचे भाजपा समर्थकों की सपा नेता से झड़प हो गई। मामला की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस भी मामले को शांत न करा पाई। देखते ही देखते झड़प हाथापाई में बदल गई, जिसमें सपा नेता फतेह बहादुर सिंह गिल और 4 महिलाएं घायल हो गईं। 

बुलडोजर लेकर पहुंचे थे भाजपा समर्थक 
पूरा मामला कानपुर के चकेरी स्थित लाल बंगला बाजार के पास का है। जहां चकेरी के एन-2 रोड स्थित 8 दुकानों में बीती 7 मई को के केडीए ने अतिक्रमण चलाया था। सोमवार को भाजपा समर्थक बुलडोजर लेकर दोबारा पहुंचे। इस दौरान भाजपा समर्थकों ने बुलडोजर की मदद से कब्जा करना शुरू कर दिया। इसकी जानकारी मिलते ही सपा नेता फतेह बहादुर सिंह गिल मौके पर पहुंच गए। जिन्होंने स्थानीय दुकानदारों के साथ भाजपाइयों की ओर से किए जा रहे कब्जे का विरोध किया।

पुलिस के सामने दोनों पक्षों में शुरू हो गई मारपीट
पूरे घटनाक्रम के दौरान मौके पर सर्किल का पुलिस फोर्स में मौजूद था। इसके बावजूद भाजपाइयों ने पुलिस की मौजूदगी में सपा नेता फतेह बहादुर सिंह गिल और महिलाओं के साथ जमकर मारपीट की। इस मारपीट में सपा नेता फतेह बहादुर सिंह की पगड़ी भी खुल गई। साथ ही सपा नेता फतेह बहादुर सिंह गिल और 4 महिलाएं घायल हो गई। जिन्हें पुलिस ने मेडिकल परीक्षण के लिए काशीराम ट्रामा सेंटर भेज दिया। 

दुकानदारों ने भाजपा नेताओं पर केडीए से मिलीभगत से कब्जा करने का लगाया था आरोप
आपको बताते चलें कि चकेरी के एन-2 रोड स्थित 8 दुकानों में बीते 7 मई को के केडीए ने अतिक्रमण चलाया था। प्रशासन की ओर से की जा रही इस कार्रवाई के दौरान वहां स्थानीय दुकानदारों ने भाजपा नेताओं पर केडीए से मिलीभगत कर गलत जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया था। दुकानदारों की ओर से लगाए जा रहे इस आरोप पर भाजपाइयों का कहना था कि उन्होंने केडीए से जमीन खरीदी है, जिस जमीन पर मौजूद अवैध कब्जे को केडीए द्वारा गिराया गया है। जिसके बाद से स्थानीय दुकानदार महिलाओं और बच्चों के साथ वहां पर धरने पर बैठे थे।