सार

यूपी में दल-बदल कानून लागू है। इस कानून के अनुसार अगर कोई विधायक अपनी पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी ज्वाइन करता है तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना होगा। फिर से चुनाव लड़कर विधानसभा आना होगा। इस कानून के तहत किसी भी दल के अगर दो-तिहाई विधायक एक साथ पार्टी छोड़ते हैं तो उनका चुनाव रद्द नहीं होगा.

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव अगले साल है लेकिन सूबे का सियासी तापमान अभी से बढ़ना शुरू हो चुका है। बहुजन समाज पार्टी से निकाले गए विधायक अब अपनी नई पार्टी बनाने की सोच रहे हैं। किसी दल में जाने की बजाय ये अपनी पार्टी बनाएंगे। हालांकि, विधानसभा में अलग दल के रुप में मान्यता के लिए इनको बसपा से ही एक विधायक की जरूरत है। 

बागी विधायक असलम राईनी ने कहा लालजी वर्मा होंगे नेता

बसपा से निकाले गए विधायक असलम राईनी ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी से निकाले गए सभी 11 विधायक मिलकर एक अलग पार्टी बनाएंगे। विधानसभा में दल के रुप में मान्यता के लिए एक और बसपा विधायक की जरूरत है। राईनी ने बताया कि नए दल के नेता लालजी वर्मा होंगे। वह पार्टी का नाम व अन्य चीजों को डिसाइड करेंगे। 

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यूपी में है दलबदल कानून

यूपी में दल-बदल कानून लागू है। इस कानून के अनुसार अगर कोई विधायक अपनी पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी ज्वाइन करता है तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना होगा। फिर से चुनाव लड़कर विधानसभा आना होगा। इस कानून के तहत किसी भी दल के अगर दो-तिहाई विधायक एक साथ पार्टी छोड़ते हैं तो उनका चुनाव रद्द नहीं होगा और उसे फिर चुनाव लड़कर नहीं आना होगा। यही नहीं अगर किसी पार्टी ने विधायक को निलंबित या निष्कासित कर दिया है तो भी दो-तिहाई संख्या होने पर ही अलग दल के रुप में मान्यता विधानसभा सदन में भी मिल सकेगी।

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बसपा से निकाले गए विधायक

रामवीर उपाध्याय (सादाबाद-हाथरस)
अनिल सिंह (पुरवा-उन्नाव)
सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर)
वंदना सिंह ( सगड़ी-आजमगढ़)
असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती)
असलम अली (धौलाना-हापुड़) 
मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद)
हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज)
हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर)
शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली
रामअचल राजभर
लालजी वर्मा

बसपा में ये विधायक बचे हैं

मुख्तार अंसारी
विनय शंकर तिवारी
उमाशंकर सिंह
सुखदेव राजभर
श्याम सुंदर शर्मा 
आजाद अरिमर्दन

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