सार

दिव्यांग ने अपनी पेंशन पीएम केयर्स फंड में दान कर दी। दोनों पैरों से दिव्यांग छात्रा को पेंशन के रूप में सरकार की ओर से ढाई हजार रूपए मिले थे। जिसे उसने प्रधानमंत्री कोरोना रिलीफ फंड में दान कर दिया।
चंदौली( Uttar Pradesh ). कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में इस समय पूरा देश एक है। इस समय जरूरतमंदों की मदद को ऐसे लोग भी आगे आ रहे हैं जो खुद भी दूसरों की मदद पर आश्रित हैं। ऐसे ही एक मामला चंदौली में सामने आया है जहां एक दिव्यांग ने अपनी पेंशन पीएम केयर्स फंड में दान कर दी। दोनों पैरों से दिव्यांग छात्रा को पेंशन के रूप में सरकार की ओर से ढाई हजार रूपए मिले थे। जिसे उसने प्रधानमंत्री कोरोना रिलीफ फंड में दान कर दिया। 

उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के ताजपुर गांव की रहने वाली प्रियंका सिंह दोनों पैरों से विकलांग है। प्रियंका राजधानी लखनऊ के शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में बीएससी की छात्रा हैं। लॉकडाउन में जब सारे स्कूल-कालेज बंद हो गए तो शकुंतला वापस अपने गांव ताजपुर आ गईं। इसी बीच कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ गया और लॉकडाउन की अवधि भी बढ़ गई। प्रियंका को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री कोरोना केयर फंड  की जानकारी हुई। प्रियंका ने भी इसमें मदद करने की सोची। 

पेंशन के ढाई हजार रूपए किए दान
 प्रियंका ने पीएम केयर्स फंड में दान करने का विचार बनाया। उसी दौरान उनकी विकलांग पेंशन भी आ गई। ढाई हजार रूपए पेंशन  खाते में सरकार की तरफ से भेजी गयी थी। बस प्रियंका ने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के माध्यम से पेंशन के पूरे ढाई हजार पीएम केयर्स फंड में भेज दिए। प्रियंका  कहना है कि इन रूपयों की इस समय मुझसे ज्यादा जरूरत देश को है। इसलिए इसे देश को समर्पित कर दिया। 

दो  साल की उम्र में ही गुजर गई थी मां 
प्रियंका चार बहनों में सबसे छोटी हैं। जब वह महज दो साल की थीं तभी उनकी मां की बीमारी से मौत हो गई थी। उनके पिता शिवाजी सिंह ने चारों बहनो की परवरिश की। प्रियंका दोनों पैरो से विकलांग थीं इसलिए उनकी शुरुआती पढ़ाई घर के करीब स्कूलों में ही हुई। इंटरमीडिएट के बाद प्रियंका ने लखनऊ के  शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया। वह इस समय B.sc कर रही हैं।