सार
यूपी के वाराणसी जिले में फर्जी मदरसों को लेकर नकेल कसने की तैयारी पूरी कर ली गई है। शहर में करीब 100 मदरसों की पात्र योग्य मान्यता नहीं है। इसलिए सर्वे के बाद मदरसों को लेकर बड़ा कदम सामने आ सकता है।
वाराणसी: उत्तर प्रदेश की विश्वनाथ नगरी काशी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों पर नकेल कसेगी। मदरसों की पड़ताल करवाने के लिए जल्द ही सर्वे का काम शुरू किया जाएगा। जिसमें पता किया जाएगा कि मदरसों को फंडिंग कहां से हो रही है और कौन सी संस्था इन्हें चला रही है। इतना ही नहीं इसके साथ ही मदरसा शिक्षा परिषद की नई नियमावली भी तैयार की जाएगी। जिले में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। इसके अलावा राज्य में पहले भी मदरसों को लेकर कई फैसले लिए जा चुके है।
100 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या
शहर में पिछले कुछ सालों में खुले नए मदरसों और मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में पता किया जाएगा कि संचालकों के पास अपने भवन, परिसर है या नहीं, कितने छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं, कौन सा पाठ्यक्रम संचालित है, छात्र-छात्राओं को बुनियादी सुविधाएं मिल पर रही हैं या नहीं। गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या करीब 100 है। तो वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के रिकॉर्ड में अभी करीब 23 मदरसे मान्यता प्राप्त हैं और 25 मदरसे अनुदानित हैं। इसके बाद ही मान्यता योग्य मदरसों पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
शिक्षिकाओं को मातृत्व अवकाश का मिलेगा लाभ
बता दें कि परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि सर्वे के बाद पात्र मदरसों को मान्यता दिए जाने की कार्यवाही शुरू होगी। इस साल से मदरसों में नए व आधुनिक विषयों की पढ़ाई शुरू की जाएगी। उसके बाद मदरसों में नए विषयों की शिक्षा, शिक्षकों की नियुक्ति के लिए मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा ली जाने वाली परीक्षा आदि के बारे में प्रावधान किया जाएगा। इसके पहले अनुदानित व गैर अनुदानित मान्यता प्राप्त मदरसों की शिक्षिकाओं को मातृत्व अवकाश का लाभ दिलाने का निर्णय लिया गया। राज्य से अनुदानित मदरसों में मातृत्व अवकाश एवं बाल्य देखभाल इत्यादि का अवकाश का लाभ दिए जाने के लिए शासन स्तर से आदेश निर्गत कराने के लिए मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार को अधिकृत किया था।