सार
अजीत सिंह की हत्या में आरोपी और बाहुबली धनंजय सिंह के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है। एसटीएप की जांच रिपोर्ट के बाद उन पर लगी गैरजमानती धारा हटा दी गयी है। धनंजय को लेकर लगातार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रदेश की कानून व्यवस्था को आड़े हाथों ले रहे थे।
लखनऊ: अजीत सिंह हत्याकांड में आपराधिक साजिश के आरोपी बाहुबली और पूर्व सांसद धनंजय सिंह के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है। हत्याकांड के मामले में STF ने धनंजय को गैर जमानती धाराओं से जमानती धाराओं का आरोपी बनाते हुए कोर्ट में रिपोर्ट पेश की। जिसके बाद अब उन्हें हत्या के मामले में जमानत लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। धनंजय सिंह अब गुरुवार को सातवें चरण के मतदान की अंतिम तारीख तक पर्चा दाखिल कर सकते हैं। इसी के साथ वह खुलकर चुनाव प्रचार भी कर सकते हैं।
यह था पूरा मामला
अजीत सिंह हत्याकांड में धनंजय का नाम आने और उनके चुनाव तक की कहानी काफी रोचक है। 6 जनवरी 2021 को विभूतिखंड में मऊ के पूर्व ब्लाक प्रमुख व हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई। जिसमें उनकी अजीत की मौत हो गई और मामले में धनंजय का नाम चर्चाओं में आया। धनंजय का नाम एफआईआर में भी न होने पर लखनऊ पुलिस ने जांच में धनंजय को हत्याकांड की साजिश में शामिल होने का आरोपी मानकर 25 हजार का इनाम घोषित किया था।
कई बार उठे धनंजय पर सवाल
यूपी चुनाव के बीच धनंजय को लेकर कई बार अखिलेश यादव ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया। धनंजय कभी क्रिकेट खेलते नजर आए तो कभी शोरूम का उद्घाटन करते हुए। अखिलेश यादव ने उनके खुलेआम घूमने पर हमेशा सवाल उठाए और प्रदेश की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया।
धनंजय के सामने दिक्कत थी की जब तक उन पर इनाम घोषित था वह चुनाव नहीं लड़ सकते थे। उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए सेशन कोर्ट में समर्पण की याचिका भी दाखिल की थी। इस पर 19 फरवरी को सुनवाई होनी थी। इसी बीच अजीत सिंह हत्याकांड में एफआईआर कराने वाले मोहर सिंह ने धनंजय की सरेंडर अर्जी का विरोध किया था। इस पर सुनवाई 18 फरवरी को होगा।
एसटीएफ ने हटाई गैर जमानती धारा
वहीं अजीत सिंह की पत्नी ने कोर्ट ने इस मामले में निष्पक्ष जांच के लिए अर्जी दाखिल की थी। इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए एसटीएफ से रिपोर्ट मांगी गई थी। जिसके जवाब में एसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में बाहुबली धनंजय सिंह को पुलिस से जानकारी छुपाने और अजीत सिंह की हत्या वाले शूटरों को संरक्षण देने के आरोप में दोषी मानते हुए रिपोर्ट सौंपी। आपको बता दें कि एसटीएफ ने जिन दो धाराओं में धनंजय सिंह को आरोपी बनाया वह जमानती हैं। इसके बाद अब धनंजय को पुलिस से भागने या छिपने की जरूरत नहीं है।
UP Election Info: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में 403 विधानसभा सीट के लिए पहले चरण का मतदान 10 फरवरी, दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को है। कुल 7 चरणों में होगा यूपी में चुनाव। मतगणना 10 मार्च को होगी।
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