सार
यूपी के जिले गाजियाबाद पुलिस के सिपाही ने छेड़छाड़ के आरोपी को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेकर सबूतों को उसको सौंप दिया। इसका वीडियो वायरल होने के बाद एसएसपी ने कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया है और विभागीय जांच हो रही है।
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के जिले गाजियाबाद में एक बार फिर खाकी दागदार हुई है। दरअसल गाजियाबाद पुलिस के सिपाही ने छेड़छाड़ के आरोपी पांच हजार की रिश्वत ली। पांच हजार रुपए लेकर सिपाही ने सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर वापस कर दी, जिसमें पूरा घटनाक्रम कैद था। इस मामले में छेड़छाड़ की धारा में एफआईआर दर्ज नहीं कि बल्कि शांतिभंग में चालान किया गया। इस घूसखोरी के साथ शराब पीते सिपाही का वहां पर मौजूद एक शख्स ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एसएसपी ने कांस्टेबल सतवीर सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है और उसके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी है।
20 हजार रुपए में खत्म कर दिया छेड़छाड़ का आरोप
जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के खोड़ा इलाके का है। यहां की एक महिला और उसकी मां से कुछ दिन पहले मारपीट के साथ-साथ अभद्रता व छेड़छाड़ हुई थी। इसकी शिकायत महिला ने पुलिस से की। उसके बाद खोड़ा थाना स्थित प्रगति विहार चौकी की पुलिस आरोपी के घर पर गई और बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर उठाकर ले आई। इसी मामले में कांस्टेबल सतवीर सिंह ने धाराएं कम कराने के लिए आरोपी से अलग ही सेटिंग शुरू कर दी। सिपाही की ओर से डीवीआर को लौटाने के लिए दस हजार रुपए की मांग की गई। पांच हजार रुपए लेकर सिपाही ने डीवीआर लौटा दी। इतना ही नहीं इसके बाद भी आरोपी से बीस हजार रुपए और लिए गए। आरोपी के खिलाफ सिर्फ सीआरपीसी- 151 की कार्रवाई की गई जबकि पीड़िता की तरफ से छेड़छाड़ की शिकायत हुई थी।
सिपाही ने दरोगा पर लगाया अवैध वसूली का आरोप
आरोपी पक्ष ने जब सिपाही को पांच हजार रुपए दिए तो उस समय का वीडियो उसने अपने मोबाइल से शूट कर लिया। जिसमें कांस्टेबल सतवीर सिंह यह कहता दिख रहा है कि पुलिस चौकी का दरोगा उसका रूम मेट है। वो जैसा कहेगा, वैसा हो जाएगा। इस वीडियो पर सिपाही ने दरोगा पर आरोप लगाए है कि वह शराब ठेकों और कबाड़ियों से अवैध वसूली कराते हैं। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में सिपाही शराब पीते हुए भी दिखाई दे रहा है। वीडियो सामने आने के बाद एसएसपी मुनीराज ने सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया है। इसके साथ ही उनका कहना है कि लाइन हाजिर होने के साथ-साथ विभागीय जांच कराई जा रही है।