सार

गोंडा में मामूली बात पर वधू पक्ष ने शादी से मना कर दिया। जिसके बाद पंचायत भी बुलाई गई लेकिन कोई फायदा नहीं निकला। दरअसल पूरे गहने लेकर नहीं आने पर कन्या पक्ष के लोग दूल्हे के परिवार से नाराज हो गए थे। बात यहां तक बढ़ गई कि रिश्ता टूटने की नौबत तक आ गई।

गोंडा: कोराना काल के लंबे अंतराल के बाद लोग पहले की तरह शादी कार्यक्रम को कर पा रहे है। शादी के सीजन में कई तरह की खबरे सामने आई जिसे सुनकर कोई हैरान होता तो कोई सोचने को मजबूर। अक्सर शादियां लड़के पक्ष की तरफ से तोड़ दी जाती। फिर चाहे दहेज न मिले या किसी अन्य कारण की वजह से। पर इस बार कुछ अलग देखने को मिलेगा जहां वर पक्ष नहीं बल्कि वधू पक्ष शादी से मना कर देता है। 

डाल को देखते ही कन्या पक्ष के लोग हुए नाराज
राज्य के गोंडा जिले में द्वारपूजा के बाद महिलाएं विवाह का गीत गुनगुना रही थी। तभी वरपक्ष की तरफ से पहुंचे डाल यानी जेवरात-कपड़े में मंगलसूत्र को देखकर वधू पक्ष के लोग बिफर गए। इसके बाद क्या था, वधू पक्ष के लोगों ने विवाह करने से ही मना कर दिया। पूरी रात वर पक्ष के लोग लड़की वालों को मानते रहे लेकिन कोई फायदा नहीं निकला। यहां तक की शादी का शुभ मुहूर्त तक निकल गया। रात बीत जाने के बाद सुबह पंचायत बुलाई गई। 

आपस में बातचीत कर दोपहर में शादी की रस्म पूरी
रातभर चली पंचायत के बाद अगले दिन दोनों पक्ष शादी के लिए तैयार हुए। पंचायत होने के बाद वर पक्ष द्वारा मंगलसूत्र समेत अन्य सामान लेकर आने के बाद दोपहर में विवाह की रस्म पूरी हो गई। दरअसल परसपुर ग्रामीण के जबदा लोनिया गांव निवासी रामदीन लोनिया के बेटे राघवेंद्र की शादी बाराबंकी के रामनगर निवासी बृजमोहन की बेटी रुपरानी के साथ तय हुई थी। शनिवार को परसपुर से बारात रामनगर पहुंची। बारातियों का सेवा सत्कार के बाद द्वारपूजा की रस्म हुई। इसके बाद वर पक्ष दूल्हे के साथ डाल लेकर विवाह के मंडप में पहुंचा। 

डाल को देख महिलाओं की शुरू हुई कानाफूसी
डाल जैसे ही मंडप में पहुंचा गांव की महिलाओं ने डाल को देखकर कानाफूसी शुरू कर दी क्योंकि डाल में मंगलसूत्र समेत साड़ी पर्याप्त संख्या में नहीं थी। यह बात जब कन्या पक्ष के लोगों को पता चली तो बात बिगड़ गई। फिर क्या था लड़की पक्ष के लोगों ने शादी से मना कर दिया। पूरी रात वर पक्ष ने मनौव्वल किया लेकिन कुछ भी फायदा नहीं हुआ। परसपुर गांव के प्रधान ने बताया कि रविवार की सुबह शादी में मध्यस्थता करने वाले लोगों को बुलाया गया। इसके बाद वर पक्ष को मंगलसूत्र समेत अन्य सामान लाने को कहा गया। इस आश्वासन के बाद कन्या पक्ष के लोगों को शादी के लिए राजी किया गया।

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