सार

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के मामलों पर हाईकोर्ट के जज राजीव गुप्ता ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। बुधवार को मुख्तार के दोनों मामलों पर सुनवाई होनी थी लेकिन उससे पहले ही जज ने अलग करके चीफ जस्टिस को दोनों मामले सौंप दिए हैं। 

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल हिस्सा का माफिया डॉन बांदा जेल में बंद बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी से जुड़े दो मामलों में बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। बाहुबली विधायक अंसारी के दोनों मामलों की सुनवाई कर रही सिंगल बेंच के जज ने मुख्तार के मामलों में सुनावई से खुद को अलग कर लिया है। इस मामले की सुनावई कर रहे जस्टिस राजीव गुप्ता ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने दोनों मामले चीफ जस्टिस के पास भेज दिए है। जिससे अब चीफ जस्टिस राजेश बिंदल किसी नई बेंच को इन दोनों मामलों की सुनवाई के लिए नामित करेंगे। 

चार्जशीट को रद्द करने की मांग
बता दें कि साल 2012-13 में विधायक निधि में हुए भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी। जिसके बाद मुख्तार अंसारी ने चार्जशीट को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इसमें मुख्तार ने चार्जशीट को रद्द करने की मांग की थी। 

जेल में रहते हुए सच्चाई नहीं जान सके
मुख्तार अंसारी की तरफ से जो दलील दी गई थी उसमें कहा गया था कि वह पिछले 17 सालों से वह जेल में बंद है। उसकी तरफ से कोई गड़बड़ी नहीं की गई है। अंसारी उसमें आगे कहते है कि उसने जो सिफारिशें की थीं और जिन स्कूलों को विधायक निधि के पैसे दिए थे उसकी सत्यता जांचने का काम जिला प्रशासन का था। लेकिन जेल में रहते हुए वह सच्चाई नहीं जान सके। इस मामले में पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट को रद्द किए जाने की मांग की गई थी। 

आजमगढ़ के तिर्वा थाना का है मामला
बाहूबली विधायक मुख्तार अंसारी का दूसरा मामला आजमगढ़ के तिर्वा थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे से जुड़ा है। इस मामले में अंसारी ने जमानत अर्जी दाखिल की थी। और इन्हीं दोनों मामलों की सुनवाई जज राजीव गुप्ता की सिंगल बेंच में होनी थी। लेकिन उन्होंने दोनों मामलों से खुद को अलग कर लिया है। हालांकि जमानत अर्जी वाला मामला अब 28 अप्रैल को सुना जाएगा, जबकि विधायक निधि से जुड़े मामले में 2 मई को सुनवाई होगी।

मॉनिटरिंग लखनऊ मुख्यालय से भी होती
मुख्तार अंसारी को एक साल पहले पंजाब से बांदा जेल में शिफ्ट किया गया था। तब से वह यहां की तन्हाई बैराक में बंद है। जेल प्रशासन भी मुख्तार की तन्हाई बैराक सहित आसपास के इलाके की निगरानी सीसीटीवी और सुरक्षा स्टाफ द्वारा करी जाती है। इसकी पूरी मॉनिटरिंग लखनऊ मुख्यालय से भी की जाती है। 

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